अगर आप पूरे दिन कुछ भी खाएं तो क्या होगा? जानिए ये शरीर के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक

ज्यादातर डाइट प्लान में लंबे समय तक खाली पेट रहना पड़ता है. डॉक्टर का करना है कि अगर आप डाइट प्लान की शुरुआत कर रहे हैं तो इससे पहले अपनी हेल्थ की जांच करवाएं. डॉक्टर की सलाह पर ही डाइट को फॉलो करें.

Admin
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Highlights
  • क्या लंबे समय तक भूखा रहा जा सकता है
  • खाना न खाने पर क्या होगा
  • शरीर का फैट उपयोग कितना नुकसानदायक

12th July 2023, Mumbai: शरीर बेहतर तरीके से काम करें, इसके लिए उसे ईंधन की जरूरत होती है. शरीर की ऊर्जा का प्रमुख सोर्स हमारा आहार होता है. इसलिए हर किसी को पौष्टिक चीजें खाने की सलाह दी जाती है. आपका खानपान जितना पौष्टिक (Nutritious Food) होगा, शरीर उतना ही ऊर्जावान बनता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हम पूरे दिन भूखे रह जाएं, यानी दिनभर कुछ खाए न और व्रत करें तो शरीर को ऊर्जा कहां से मिलेगी. आइए जानते हैं…

क्या लंबे समय तक भूखा रहा जा सकता है

डाइट एक्सपर्ट बताते हैं कि कई तरह के डाइट प्लान ऐसे होते हैं, जिनमें लंबे समय तक कुछ खाना नहीं पड़ता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग में भी लंबे समय तक उपवास रखा जाता है. हालांकि, यह हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं है. खाना न खाने के बावजूद भी शरीर को ऊर्जा की जरूरत तो होती ही है. इसके लिए कई लोग अलग तरीका अपनाते हैं, जिसके कई नुकसान हो सकते हैं.

खाना न खाने पर क्या होगा

खाना खाने के बाद पाचन प्रक्रिया शुरू हो जाती है. कुछ घंटों तक शरीर पेट में बचे भोजन को पचाने का काम करता है. इससे बने ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करके शरीर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है. लेकिन जब करीब 8 घंटे तक कुछ न खाया जाए तो शरीर ऊर्जा के लिए जमा फैट का उपयोग करने लगता है और यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक अगली बार खाना नहीं खा लेते हैं.

शरीर का फैट उपयोग कितना नुकसानदायक

जब खाना खाने के बाद ऊर्जा मिलती है तो इसमें पोषक तत्वों का मेटाबोलाइजेशन होता है. जब शरीर ऊर्जा की बजाय फैट का इस्तेमाल करता है, जो केटोसिस कहलाता है, उसका लंबे समय तक नुकसान देखने को मिलता है. फैट बर्न करने की कंडीशन में शरीर कुछ ऊर्जा तो पा जाता है लेकिन जरूरी तत्व नहीं मिल पाते हैं. जिससे कमोजीर, थकान, चक्कर आने जैसी समस्याएं शुरू हो जाती है. अगर हफ्ते में दो या इससे ज्यादा बार दिनभर भूखा रहा जाए तो हार्ट बीट खराब हो जाता है और हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम बढ़ सकता है.

ऐसे लोग सावधान रहें

टाइप-1 या टाइप-2 डायबिटीज के मरीज

गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं

18 साल से कम उम्र के लोग

हाल में कोई सर्जरी हुई है 

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