इंतजार खत्म! शाहजहां शेख को मेडिकल जांच के बाद सीबीआई को सौंपा गया

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हाल की घटनाओं में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने संदेशखली, शाहजहां शेख से आरोपी को हिरासत में ले लिया है। यह हस्तांतरण तब हुआ जब कोलकाता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पुलिस को हिरासत को सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया।

अदालत की समय सीमा में देरी हुई, लेकिन चिकित्सा जांच के बाद, सी. आई. डी. ने शेख को सी. बी. आई. को सौंप दिया। तृणमूल कांग्रेस के नेता

सीबीआई ने हिरासत में लिया

बुधवार को पश्चिम बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंप दिया। हिरासत का स्थानांतरण कोलकाता उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद हुआ। अदालत ने पुलिस को उसी दिन शाम 4:15 बजे तक शेख को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था। सौंपने से पहले शेख की एसएसकेएम अस्पताल में चिकित्सा जांच की गई। छवि

हाईकोर्ट के निर्देश

कोलकाता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पुलिस को आरोपी शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपने का कड़ा निर्देश दिया था। यह आदेश उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में राज्य सरकार की अपील के बावजूद पारित किया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई थी। इसके कारण सी. आई. डी. ने हिरासत सी. बी. आई. को सौंप दी।

शेख के खिलाफ आरोप

शेख के खिलाफ मामला संदेशखली क्षेत्र से सामने आया जहां कई महिलाओं ने उस पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। सीबीआई ने तर्क दिया था कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद, पश्चिम बंगाल सी. आई. डी. ने शेख को नहीं सौंपा, जिससे राज्य सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना का आरोप लगा।

प्रतिक्रियाएं और बयान

सी. बी. आई. के वकील ने डी. जी. पी. के एक पत्र का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष है और सुझाव दिया कि सी. बी. आई. इसके समाधान का इंतजार करे। हालांकि, वकील ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर कोई स्थगन आदेश नहीं था और देरी अदालत की अवमानना के बराबर थी। हिरासत स्थानांतरण इन घटनाओं के बाद ही हुआ।

शाहजहां शेख के खिलाफ मामले में हालिया घटनाक्रम न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सीबीआई के पास अब अभियुक्तों की हिरासत होने के कारण, आगे की जाँच अधिक सुचारू रूप से आगे बढ़ने की उम्मीद है। यह मामला अदालत के निर्देशों के महत्व और न्याय को बनाए रखने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका की याद दिलाता है।

यह मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और सभी की नज़रें अब सीबीआई और उनकी जांच में अगले कदमों पर हैं।

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