प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से चार दिन पहले एक न्यूज़ एजेंसी एएनआई को एक इंटरव्यू दिया। उन्होंने इस इंटरव्यू में कई मुद्दों पर खुलकर बात किया जैसे काला धन चुनावी बांड योजना आदि। उन्होंने चुनावी बांड योजना को देश के हक में बताया और विपक्ष पर निशाना भी साधा। उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा कि हम देश के चुनाव को काले धन से मुक्त करना चाहते थे जिसके लिए हम बहुत लंबे समय से प्रयासरत थे। पीएम मोदी ने चुनावी बांड योजना को देश को काले धन से मुक्ति दिलाने की तरफ एक मुख्य कदम बताया। उन्होंने बताया कि इस योजना से अब चुनावी चंदे को सार्वजनिक किया जाएगा।
चुनाव काले धन का खतरनाक खेल बन चुका था
अपने इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि चुनाव काले धन का एक बहुत ही खतरनाक खेल बन चुका था जिसमें लोग अपने काले धन का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए करते थे परंतु जब से यह चुनावी बांड योजना आई है विपक्ष काफी परेशान हो गए हैं। और इसे लेकर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं। चुनावी बांड योजना से हमें यह पता चलेगा कि किस कंपनी ने कितना चंदा दिया? किसको दिया? पीएम मोदी ने कहा कि वह देश को काले धन से मुक्त करने के लिए काफी लंबे समय से सोच रहे थे ऐसे में यह चुनावी बांड योजना उनकी एक शुद्ध सोच का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरी यह योजना में कमी भी हो सकती है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह बिल्कुल ही परफेक्ट है पर कहीं ना कहीं यह काले धन पर तंज कस सकती है।
काले धन से मुक्ति दिलाने के लिए पहले भी उठाए थे कम
पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि वह देश को काले धन से मुक्ति दिलाने के लिए पहले भी कदम उठा चुके हैं। जिनमें उन्होंने 1000 और 2000 के नोटों पर पाबंदी लगाई थी उन्होंने कहा कि इन नोटों का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में चुनाव के दौरान किया जाता था।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को घोषित किया था चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक
आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 15 फरवरी को चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस योजना के तहत जनवरी 2018 से जनवरी 2024 तक 16518 करोड रुपए के इलेक्टोरल बांड खरीदे जा चुके हैं और इनमें से अधिकतर बॉन्द चुनावी फंड से संबंधित थी सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से इसका डेटा मांगा था और इसे चुनाव आयोग को सार्वजनिक करने को कहा था।