​मरीन इंजीनियरिंग में 12वीं के बाद करियर टिप्स विस्तार से जानें

मरीन इंजीनियरिंग का फील्ड लगातार बढ़ रहा है. साथ ही इस क्षेत्र में नौकरी के भी बेहतरीन अवसर हैं. इससे जुड़े कोर्स देश भर के कई इंस्टिट्यूट कराते हैं.

Admin
3 Min Read
Highlights
  • मरीन इंजीनियरिंग में करियर बनाएं और शानदार सैलरी पाएं
  • 12वीं के बाद मरीन इंजीनियर के कोर्स के लिए आप अप्लाई कर सकते हैं
  • इस कोर्स में अप्लाई करने से पहले अभ्यर्थी को साइकोमेट्रिक टेस्ट को क्लियर करना होता है

6th July 2023, Mumbai: 12वीं के बाद मरीन इंजीनियर के कोर्स के लिए आप अप्लाई कर सकते हैं. इस फील्ड की लगातार मांग बढ़ रही है. मरीन इंजीनियरिंग में दूसरे देशों से सामान का लेन देन यानी कि इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट शामिल होता है. जिससे देश की अर्थव्यवस्था अच्छे तरीके से चलती रहे और यह सब मुमकिन हो पाता है जलपोतों और बंदरगाहों से सामान की लेन देन के जरिये. इन बंदरगाहों और जलपोतों को मरीन इंजीनियर बनाते हैं. बंदरगाहों, जलपोतों और समुद्री जहाज बनाने और समुद्र से तेल निकालने वाले उपकरणों को बनाने की मरीन इंजीनियर को ज़िम्मेदारी दी जाती है.  

12वीं के बाद कर सकते हैं अप्लाई

वैसे इस कोर्स के बारे में अभी ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं हैं. इस फील्ड में आप बहुत अच्छा करियर बना सकते हैं. अभ्यर्थी इस कोर्स के लिए 12 वीं क्लास के बाद अप्लाई कर सकते हैं. मरीन इंजीनियर बनने के लिए अभ्यर्थी को किसी भी स्ट्रीम से 12वीं क्लास पास करनी होगी जिसके बाद अभ्यर्थी किसी भी मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट या कॉलेज से मरीन इंजीनियरिंग का कोर्स कर डिग्री ले सकते हैं. आपको बता दें कि इस फील्ड में वही लोग जा सकते हैं. जिनको समुद्री वातावरण से कोई आपत्ति नहीं और समुद्र में काम करने की हिम्मत हो.

ये है अप्लाई की प्रक्रिया

इस कोर्स में अप्लाई करने से पहले अभ्यर्थी को साइकोमेट्रिक टेस्ट को क्लियर करना होता है. उसके बाद अभ्यर्थी का मेडिकल टेस्ट होता जिसे पास करने के बाद ही आप इस कोर्स में अप्लाई कर सकते हैं. इस कोर्स में बहुत से सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं जैसे नेवल आर्किटेक्ट आदि. इस फील्ड में करियर की शुरुआत यंग इंजीनियरिंग कैडेट की पोस्ट से की जाती है. धीरे धीरे अपने तजुर्बे और क्षमता से इसमें चीफ इंजीनियर के पद तक पहुंचा जा सकता है.

इसलिए बढ़ रही है डिमांड

इस फील्ड में बहुत अवसर हैं. अभ्यर्थी का लाइसेंस भी बनाया जाता है जो अभ्यर्थी को आगे बढ़ने में मदद करता है. बता दें कि इस समय मरीन इंजीनियर मौसम और वातावरण में ढलने के लिए यंत्रों की खोज कर रहें हैं. जिसके कारण इस फील्ड में फ्रेशर इंजीनियर की मांग बहुत बढ़ गई है. इस फील्ड में शानदार सैलरी मिलती है. इस फील्ड में सैलरी अनुभव और तजुर्बे के आधार पर तय की जाती है जो कि 65,000 से 1,00,000 रुपये महीने और इससे अधिक भी हो सकती है.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version