10th April 2023,Mumbai: आज वर्ल्ड होम्यापैथी डे है. यह पूरी दुनिया में मनाया जाता है. यह डे मनाने का खास मकसद है होम्यापैथी की चिकित्सा पद्धति को लेकर पूरी दुनिया में जागरूकता फैलाना है. और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूक फैलाना है. पूरी दुनिया बेहतर इलाज के लिए कई तरह कि चिकित्सा पद्धति अपनाई जाती है. जैसे- एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी आदि. आजकल के मॉर्डन लाइफस्टाइल में लोग एलौपैथी के जरिए ज्यादा बीमारी का इलाज करवाते हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि एलोपैथी को लेकर लोगों के अंदर कहीं न कहीं यह विश्वास ज्यादा है कि इससे बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे.
10 अप्रैल को होम्योपैथी डे मनाने के पीछे का कारण
‘वर्ल्ड होम्योपैथी डे’ होम्योपैथी के संस्थापक जर्मन के एक फेमस डॉक्टर क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन (Dr.Christian Friedrich Samuel Hahnemann) ने किया था. इन्हीं की जयंती के अवसर पर होम्योपैथी डे मनाया जाता है. होम्योपैथी के जरिए गंभीर बीमारी का इलाज खोजने का श्रेय इन्हें ही जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल अलग-अलग थीम पर इस सेलिब्रेट किया जाता है. इस साल की थीम ‘होम्योपैथी: पीपल्स च्वॉएस फॉर वेलनेस’ (Homeopathy: People’s Choice for Wellness) है.
इन बीमारियों में काफी अच्छा काम किया है होम्योपैथी
होम्यापैथी से इलाज थोड़ा स्लो है. यह किसी व्यक्ति को ठीक करने के लिए काफी ज्यादा टाइम भी लेता है, लेकिन इसने कई बीमारियों में बेहतर काम किया है. होम्योपैथी में बच्चों से जुड़ी बीमारी, महिलाओं से जुड़ी बीमारी, दिमागी बीमारी, जोड़ों के दर्द से संबंधित बीमारी पर अच्छा काम किया है. लिवर, एसिडिटी और इंफेक्शन के इलाज में इसने अच्छा काम किया है. इसके साथ ही कोविड के टाइम में होम्योपैथी ने रामबाण बनकर कुछ लोगों की जान तक बचाई है.
डॉक्टरों की सलाह जरूरी
होम्योपैथी के डॉक्टर्स के मुताबिक, इस पैथी में पूरी बीमारी देखने के बाजाय डॉक्टर व्यक्ति के शरीर और समस्याओं पर विशेष ध्यान देता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.