29th March, 2023 Mumbai; कांग्रेस की कामना है कि– भारत की सत्ता सदा उसके हाथ ही रहना चाहिए। वह भूल चुका है कि भारत एक लोकतंत्र देश है। जनता ने जब से उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया है। तब से उनका खींज एवं गैर जिम्मेदाराना बयान देखने लायक है। खास कर राहुल गांधी का बिना सच्चाई सबूतों के आरोप एक बचकाना, अनुभवहीन नेता बना दिया है। अपनी हार पर सबसे पहले वोटरों को अज्ञानी एवं ठगा जाना बताया। फिर मोदी को एक अशिक्षित प्रधानमंत्री बताया। उसके बाद ई.वी.एम. में गड़बड़ी एवं बेईमानी से भाजपा को जीत जाना बताया। फिर सूट-बूट वाली सरकार, चौकीदार चोर है. राफेल में घोटाला होना बताया। अडानी-अंबानी की सरकार, भारतीय लोकतंत्र खतरे में बता विदेशी सहयोग, जी.एस.टी. प्रणाली को गलत बताया। भ्रष्टाचारी कार्यवाही को बदले की भावना बताया। देश में यौन-पीड़न का आरोप, नेताओं पर जासूसी करने का आरोप, एक ललित मोदी-नीरव मोदी को लेकर सारे मोदी सरनेम को चोर बताया। परंतु जब सच्चाई सबूतों की बारी आती है, तो एक कर्तव्यहीन-गैर जिम्मेदाराना नेता बन हाथ खड़ा कर देता है।
सच्चाई के नाम पर जब ई.वी.एम. पर चुनाव आयोग चुनाव आयोग की चुनौती स्वीकार करना हो या चौकीदार चोर होने का सबूत, राफेल घोटाले का सबूत हो या भ्रष्टाचारी कार्यवाही को गलत सिद्ध करने वाली, जासूसी मामले पर अपना मोबाइल जांच करवाने की बारी है, या भारतीय लोकतंत्र खतरे का कोई प्रमाण, यौन शोषण पर पुलिस को जानकारी देने की बारी हो या राजस्थान से अदानी को हटाने की बातें, ई.वी.एम. से मिली जीत राजस्थान-हिमाचल-छत्तीसगढ़ पर प्रश्न खड़ा करना या न्यायालयों से मिली महीना भर का समय या अपील का अधिकार पर वह कुछ नहीं बोल सकता है। राहुल गांधी कह रहे हैं कि सत्य ही भगवान है। यही सबसे बड़ा झूठ वह बोल रहा है क्योंकि सारे मोदी सरनेम चोर नहीं हो सकते हैं। राहुल गांधी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सरनेम का चोला पहन भगवान, सत्य को भी बदनाम कर दिया है। आज उन्हें जो भी सजा एवं संसद सदस्यता खत्म हुआ है उसमें उनका अपना ही अहंकार एवं झूठा प्रचार प्रमुख है। भारत की जिस लोकतंत्र ने आज एक पूर्ण बहुमत की सशक्त सरकार स्थापित किया है। उसे कांग्रेस झूठे प्रचार-प्रसार करके एक कमजोर गठबंधन सरकार का सपना दिखा लोकतंत्र को कमजोर करना चाहता है। ऐसी बुरी कामना कांग्रेस की कभी सफल नहीं होगी। आज के न्यायपालिका का न्याय सभी राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ा संदेश है जो एक सशक्त लोकतंत्र नीव की इमारत खड़ा किए हुए हैं।