सोमवार को रूस द्वारा लाए गए स्पेस में सभी हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने खारिज कर दिया।
इंसान दुनिया के बाद अब स्पेस में भी अपनी लड़ाई को ले जाने में लग गया है। हथियारों को स्पेस में ले जाने की चर्चा इंटरनेशनल लेवल पर है। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव भी लाए जा रहे हैं। रूस भी ऐसा ही एक प्रस्ताव लाया है जिसमें स्पेस में सभी हथियारों पर प्रतिबंध की मांग रखी गई। परिषद के सभी सदस्यों ने स्पेस में परमाणु हथियारों को ले जाने का विरोध तो किया, लेकिन इसको रोकने वाले प्रस्ताव पर वे सहमति नहीं बना पाए। हालांकि, ये प्रस्ताव गिर गया।
रूस के प्रस्ताव पर अमेरिका का विरोध
दरअसल, रूस के प्रस्ताव पर अमेरिका का कहना है कि वो दोहरी चाल खेल रहा है। अमेरिका ने कहा है कि रूस ने ऐसी सेटेलाइट लॉन्च की है जो स्पेस में हथियार ले जाने के प्लान का हिस्सा हो सकती है। ऐसे में अब जब रूस UN में इस विषय पर प्रस्ताव ले आया तो अमेरिका ने इसे उसका गुमराह करने वाला कदम बताया।
सोमवार को रूस द्वारा लाए गए स्पेस में सभी हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने खारिज कर दिया। इस प्रस्ताव पर अमेरिका ने कहा कि मॉस्को दुनिया को अपने असली इरादे से गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। UNSC के 15 सदस्यों में 7 सदस्यों ने ही रूस के प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसकी वजह से स्पेस में हथियार ले जाने से रोक लगाना वाला प्रस्ताव पास नहीं हो पाया।
देशों ने किया विरोध
15 सदस्यों वाली UNSC के चीन सहित महज 6 सदस्यों ने रूस के इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाला। जोकि बहुमत के जरूरी आंकड़े 9 वोटों से कम था। अमेरिका, जापान और 5 अन्य देशों ने इसका विरोध किया और स्विट्जरलैंड ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। जिसकी वजह से स्पेस में हथियारों के प्रतिबंध लगाने वाला प्रस्ताव पास नहीं हो पाया, अप्रैल में अमेरिका और जापान ने अंतरिक्ष में परमाणु और सामूहिक विनाश के अन्य हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए परिषद में प्रस्ताव रखा था।
जिसको रूस ने वीटो कर रोक दिया था और अब रूस ने अपना प्रस्ताव पेश किया है। जिसका विरोध अमेरिका और जापान ने किया है। अमेरिका के डिप्टी राजदूत ने प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले कहा, “हम आज यहां हैं क्योंकि रूस परमाणु उपकरण ले जाने वाले नए उपग्रह के विकास से दुनिया का ध्यान भटकाना चाहता है”। जिस पर रूस के राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं पूरी तरह से समझ भी नहीं पाया कि वह किस बारे में बात कर रहे थे, लेकिन यह महत्वपूर्ण नहीं है।”