ईरानी राष्ट्रपति के मौत से क्या कुछ बदलेगा ईरान और इजरायल के युद्ध मे?

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हेलीकॉप्टर में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री के साथ पूर्वी अजरबैजान के गवर्नर, पूर्व अजरबैजान में ईरानी सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

ईरान से एक चौंका देने वाली ख़बर सामने आईं है, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई है। इस दुर्घटना का कारण मौसम मे खराबी बताया जा रहा है। जिसके चलते रेस्क्यू टीमों को घटनास्थल तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दुर्घटना में राष्ट्रपति रईसी का हेलीकॉप्टर पूरी तरह से जला हुआ मिला।

हेलीकॉप्टर में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री के साथ पूर्वी अजरबैजान के गवर्नर, पूर्व अजरबैजान में ईरानी सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। आपको बता दें की रईसी के हेलीकॉप्टर के साथ दो और हेलीकॉप्टर थे जो सही सलामत अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच गए लेकिन रईसी के हेलीकॉप्टर क्रश पाए गए उठना है कि आखिर यह कैसे संभव है? इसके अलावा रास्त्रपति के मौत से युद्ध पर क्या असर पड़ेगा? आइये जानते हैं।

ईरान काफी कुछ झेल रहा है

मध्य पूर्व के हालात दिन-ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं. पिछले सात महीनों से ज्यादा से गाजा में भीषण जंग जारी है और सीरिया में हुए ईरानियन एंबेसी हमले के बाद ईरान और इजराइल भी सीधे तौर पर आमने सामने हैं, ईरान पहले से पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों और देश में महिला अधिकारों पर विरोध प्रदर्शनों की मार झेल रहा है। इसके अलावा अब ईरान के राष्ट्रपति पद की कुर्सी खाली होना ईरान की निजी और बाहरी राजनीति के लिए संकट पैदा कर सकता है।

गाज़ा जंग पर असर

राष्ट्रपति रईसी गाजा युद्ध की शुरुआत से ही इजराइल का विरोध करते आए थे। ईरान ने इजराइल को अंतरराष्ट्रीय मंचों और गाजा में घेरने के लिए फिलिस्तीन का हर तरीके से समर्थन किया है। इस वक्त इजराइल की सेना गाजा के आखिरी शहर राफा में पहुंच चुकी है। ऐसे वक्त में ईरान के राष्ट्रपति की मौत फिलिस्तीन के लिए झटका साबित हो सकती है।

कई बार हो चूके है वायु हादसे

1990 के दशक से ईरान नागरिक विमानों की कमी से जूझ रहा है। प्रतिबंधों की वजह से ईरान के लिए पश्चिमी कंपनियों से नए विमान या स्पेयर पार्ट्स खरीदना लगभग असंभव हो गया है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए ईरान ने पुराने विमानों को लीज पर लेने या बिचौलियों के जरिए स्पेयर पार्ट्स की खरीद का सहारा लिया। वर्तमान में देश में 21 एयरलाइंस संचालित होती हैं लेकिन ईरान के नागरिक उड्डयन संगठन के अनुसार, कुल 171 ईरानी हवाई जहाज ही चलती है। एविएशन सेफ्टी नेटवर्क ने 2000 के बाद से ईरान में 22 घातक हवाई दुर्घटनाएँ दर्ज कीं।

1919 से ईरान में 152 हवाई दुर्घटनाएँ दर्ज की हैं, जो मिस्र से बहुत आगे हैं, जिसमें 126 घटनाएँ देखी गईं। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प के कर्मियों को ले जा रहा एक रूसी निर्मित इल्यूशिन आईएल-76एमडी तेज हवाओं के दौरान करमान शहर के पास एक पहाड़ से टकरा गया था, जिसमें 275 लोगों की मौत हो गई थी।

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