सैम पित्रोदा के नए बयान से कांग्रेस (Congress) एक बार फिर से घिरती नजर आ रही है। उन्होंने पूर्वी भारत और उत्तर भारत के रंग-रूप पर बयान देकर एक बार फिर से राजनीतिक भूचाल ला दिया है।
सैम पित्रोदा के नए बयान से कांग्रेस (Congress) एक बार फिर से घिरती नजर आ रही है। उन्होंने पूर्वी भारत और उत्तर भारत के रंग-रूप पर बयान देकर एक बार फिर से राजनीतिक भूचाल ला दिया है। कई लोगों के मन में ये सवाल जरूर होगा कि अपनी बयानबाजी से कांग्रेस को संकट में डाल देने वाले सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) आखिर हैं कौन?
कौन हैं सैम पित्रोदा?
बता दें कि सैम पित्रोदा का राहुल गांधी से भी खास कनेक्शन है। उनका पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, उनको ही भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वह UN के लिए प्रधानमंत्री का सलाहकार भी रह चुके हैं।
वह जन सूचना संरचना और नवप्रवर्तन सलाहकार भी रहे। सैम पित्रोदा साल 2005 से 2009 तक भारतीय ज्ञान आयोग के चेयरमैन भी रह चुके हैं। वह भारत के दूर संचार आयोग के संस्थापक और पहले अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 21वीं सदी के लिए ज्ञान से संबंधित संस्थानों और बुनियादी ढांचे के लिए सुधार का खाका तैयार किया।
दूर संचार में योगदान
साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आमंत्रण पर उन्होंने दूरसंचार के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए सी-डॉट यानि ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलिमैटिक्स’ की स्थापना की थी। उनकी क्षमता से प्रभावित होकर राजीव गांधी ने उनकी घरेलू और विदेशी दूरसंचार नीति को दिशा देने का काम किया।
इतना ही नहीं सैम पित्रोदा एक बिजनेसमैन भी हैं। वह अमेरिका में कई कंपनियां भी चलाते हैं। सैम पित्रोदा का जन्म ओडिशा के टिटलागढ़ में एक गुजराती बढ़ई परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गुजरात के वल्लभ विद्यानगर से पूरी की। वहीं वडोदरा के महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर डिग्री ली, साल 1964 में अमेरिका जाकर उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।
साल 1981 में भारत लौटकर उन्होंने देश की दूर संचार प्राणाली को मॉर्डन बनाने में मदद करने के बारे में सोचा। साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के न्यौते पर उन्होंने भारत लौटकर सी-डॉट यानि ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलिमैटिक्स’ की स्थापना की।

राहुल गांधी से है सीधा कनेक्शन
सैम पित्रोदा को राहुल गांधी का राजनीतिक गुरु माना जाता है। राहुल गांधी समय-समय पर उनसे मुलाकात कर कई मुद्दों पर उनसे सलाह-मिशवरा करते रहे हैं। इससे माना जाता है कि राहुल गांधी उनके काफी नजदीक हैं। गांधी परिवार के विश्वासपात्र सैम पित्रोदा राहुल गांधी के भी काफी करीबी माने जाते हैं। यही वजह है कि विरोधी दल बीजेपी उनको राहुल गांधी का अंकल कहकर तंज कसता है।
सैम पित्रोदा अपने बयानों से अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। उनके कई ऐसे बयान हैं, जिसकी वजह से कांग्रेस को उनसे किनारा करना पड़ा। पिछले दिनों वह अमेरिका में विरासत कर के बारे में अपने कमेंट को लेकर सुर्खियों में छा गए थे। जिसके बाद कांग्रेस ने यह कहकर किनारा कर लिया था कि वह सैम का निजी बयान है, उसके पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।