‘वे कौन होते हैं मुझे रिटायर होने की सलाह देने वाले,’ शरद पवार ने अजित पर तंज कसा।

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 08 June 2023,Mumbai: महारष्ट्र की राजनीति पिछले सप्ताह हुई उठापटक के बाद अब राजनीतिक स्थिति काफी अलग हो चुकी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो फाड़ हो चुके हैं। एक गुट अजित पवार का बना है तो दूसरा गुट शरद पवार का। दोनों गुट अपने आप को असली एनसीपी बता रहे हैं और एक-दूसरे पर हमले बोल रहे हैं। इसी क्रम में शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार पर परोक्ष रूप से हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि वे कौन होते हैं मुझे रिटायर होने की सलाह देने वाले?

शरद पवार ने कहा कि वह काम करते रहेंगे, क्योंकि पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें काम करते हुए देखना चाहते हैं। अजित की इस टिप्पणी पर कि 83 साल की आयु में उनके चाचा को अब सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए, शरद पवार ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि मोरारजी देसाई किस उम्र में प्रधानमंत्री बने थे? मैं प्रधानमंत्री या मंत्री नहीं बनना चाहता, केवल लोगों की सेवा करना चाहता हूं। वह अभी बूढ़े नहीं हुए हैं।” उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराते हुए कहा, “न टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं 

शरद पवार ने कहा, “वे कौन होते हैं मुझे सेवानिवृत्त होने की सलाह देने वाले। मैं अब भी काम कर सकता हूं।” बता दें कि अजित पवार ने कहा था कि राकांपा में उन्हें दरकिनार कर दिया गया था, क्योंकि वह किसी के बेटे नहीं थे। परिवार में उत्तराधिकारी की लड़ाई पर एक सवाल पूछे जाने पर राकांपा अध्यक्ष ने कहा, “मैं इस विषय पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। मैं परिवार के बाहर परिवार के मुद्दों पर चर्चा करना पसंद नहीं करता।” उन्होंने कहा कि अजित को मंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन उनकी बेटी सुप्रिया सुले को कोई मंत्री पद नहीं दिया गया था, जबकि ऐसा किया जा सकता था।

शरद पवार ने कहा कि जब भी राकांपा को केंद्र में मंत्री पद मिला, तो यह दूसरों को दिया गया, न कि सुप्रिया को, जबकि वह सांसद रही हैं। अजित और राकांपा के आठ अन्य विधायकों के महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल होने के बाद शरद पवार नासिक जिले के येवला में शनिवार को एक रैली करके राज्यव्यापी दौरा शुरू कर रहे हैं। येवला पार्टी के बागी नेता और मंत्री छगन भुजबल का निर्वाचन क्षेत्र है। मुंबई से करीब 250 किलोमीटर उत्तर में स्थित छोटे-से शहर येवला को अपनी यात्रा की शुरुआत के लिए चुनने को शरद पवार की उनकी पार्टी को फिर से खड़ा करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

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