दिल्ली 5 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर में बिजनेस लीडर्स समिट को संबोधित करते हुए कहा, “हम भारत में कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। यह मेरा तीसरा कार्यकाल है, और जैसा कि आप जानते हैं, भारत में 60 वर्षों के बाद किसी सरकार को तीसरी बार जनादेश मिला है। इसके पीछे हमारे नीतियों में जनता का विश्वास है। यदि दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र की बात करें, तो वह भारत में है। हमारी प्राथमिकता एमआरओ (Maintenance, Repair and Operations) है। हमें उम्मीद है कि आप (व्यापारिक संस्थान) हवाई अड्डों के विकास में निवेश के लिए भारत आएंगे।”
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हम तेजी से प्रगति कर रहे हैं
सिंगापुर में बिजनेस लीडर्स समिट के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “हम पूर्वानुमानित और प्रगतिशील नीतियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत में राजनीतिक स्थिरता है, और हम सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहे हैं। हम इस क्षेत्र के लिए एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने जा रहे हैं। इसके अलावा, भारत के टियर 2 और टियर 3 शहरों में स्टार्टअप्स बहुत तेजी से उभर रहे हैं।”
स्किल डेवलपमेंट और वैश्विक रोजगार बाजार के बीच गहरा संबंध है
पीएम मोदी ने कहा, “भारत में स्किल डेवलपमेंट न केवल हमारे देश की आवश्यकताओं से जुड़ा है, बल्कि यह ग्लोबल जॉब मार्केट से भी संबंधित है। अगर आपकी कंपनियां वैश्विक ट्रेंड्स और डिमांड का विश्लेषण करें और उसके आधार पर भारत में स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान दें, तो आप वैश्विक जॉब मार्केट का लाभ आसानी से उठा सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “भारत के पास अत्यधिक प्रतिभा है जिसका लाभ पूरी दुनिया को मिलेगा। विश्व में होने वाले रियल-टाइम ट्रांजैक्शन्स का 50 प्रतिशत अकेले भारत में होता है। अगर आप फिनटेक की दुनिया में वैश्विक नेता बनना चाहते हैं, तो भारत को केंद्र मानकर आप इस क्षेत्र में बड़ी आसानी से आगे बढ़ सकते हैं
उर्जा क्षेत्र में भारत की पहल
बिजनेस लीडर्स समिट के दौरान बायो फ्यूल पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हमने 2030 तक 500 गीगावाट की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। भारत न्यूक्लियर, हाइड्रो, सोलर, और विंड ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है। इसके साथ ही, हमने बायो फ्यूल के क्षेत्र में भी एक पॉलिसी बनाई है, और भारत इस क्षेत्र में नेतृत्व करना चाहता है।”
भारत और सिंगापुर के बीच महत्वपूर्ण समझौता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगापुर दौरे के दौरान, दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण समझौता की गई है। पीएम मोदी और सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के बाद, भारत में सिंगापुर की सेमीकंडक्टर कंपनियों की एंट्री आसान हो जाएगी। सिंगापुर सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों देशों ने इस समझौते को ‘इंडिया-सिंगापुर सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पार्टनरशिप’ नाम दिया है।