जब आप प्रतिदिन शराब पीते हैं तो आपके लीवर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

जो लोग हर दिन शराब पीते हैं उनका लिवर खराब हो जाता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर शराब का ज्यादा असर लिवर पर ही क्यों पड़ता है.

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Highlights
  • शराब की हर बूंद नुकसान पहुंचाती है... जानिए जो रोज पीते हैं, उनके लिवर का क्या हाल होता है?
  • शराब पीने से लिवर खराब हो जाता है.
  • जो व्यक्ति हर रोज शराब पीते हैं उन्हें फैटी लिवर की समस्या बढ़ जाती है.

6th July 2023, Mumbai: शराब पीने से लिवर खराब हो जाता है. अक्सर यह बात कही जाती है. कहा यह भी जाता है कि जो लोग हर दिन शराब पीते हैं उनका लिवर खराब हो जाता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर शराब का ज्यादा असर लिवर पर ही क्यों पड़ता है. जैसा कि पता है लिवर हमारे शरीर का सबसे जरूरी ऑर्गन है अगर यह खराब हुआ तो फिर कई तरह की गंभीर बीमारी आपके शरीर में एंट्री करने लगेगी. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर लिवर को हेल्दी कैसे रखा जाए साथ ही यह सवाल भी दिमाग में हलचल मचा रही है कि आखिर शराब का सबसे ज्यादा असर लिवर पर ही क्यों होता है. 

शराब अपने पहले ही घूंट में असर दिखाने लगती है

जो व्यक्ति हर रोज शराब पीते हैं उन्हें फैटी लिवर की समस्या बढ़ जाती है. सबसे हैरान और टेंशन की बात यह है कि भारत और उसके आसपास वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को इस बीमारी का ज्यादा खतरा है. जो लोग सोचते हैं कि हम तो कम शराब पीते हैं हमें कुछ नहीं होगा उन्हें बता दें कि शराब ऐसी खतरनाक चीज है कि वह अपने पहले ही घूंट में  असर दिखाने लगती है. शराब शरीर में गेस्टिक एसिड पैदा कर सकती है.

लिवर कुछ तरीके से शराब को पचाता है

‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ (WHO) के मुताबिक शराब पेट में जाते ही सबसे गैस्ट्रिक एसिड बनाता है. जो पेट के म्यूकस लाइन में स्वेलिंग पैदा करती है. जिसके बाद आंत शराब को सोख लेती है. जिसके बाद ये विंग के जरिए लिवर तक पहुंचता है. पेट से सीधा शराब लिवर में पहुंच जाता है. लिवर अपने तरफ से शराब को नष्ट कर देता है ताकि वह शरीर पर खराब असर न करें लेकिन जिन तत्वों के लिवर नष्ट नहीं कर पाता है वह सीधा दिमाग तक पहुंच जाता है.

शराब लिवर पर कैसा असर करता है?

लिवर का काम होता है शरीर की गंदगी को डिटॉक्सीफाई करना होता है. लेकिन अगर हर रोज शरीर में शराब जाएगी तो यह लिवर को डायरेक्ट नुकसान पहुंचा सकती है क्योंकि धीरे-धीरे लिवर की डिटॉक्सीफाई करने की क्षमता घटेगी. जिसके बाद लिवर में फैट जमने लगता है. और फिर फैटी लिवर, फिर लिवर सिरोसिस और सबसे आखिर में लिवर कैंसर या लिवर फेल होने का व्यक्ति शिकार हो जाते हैं.

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