भारतीय कुश्ती ने एक नया मोड़ देखा है, जिसमें स्वयंसेवक अखाड़ों से लेकर देश के कुछ राज्यों से आए करीब 300 जूनियर कुश्ती प्रतिभागियों ने नई दिल्ली के जंतर मंतर पर बैठक बुलाकर बाजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को जिम्मेदार ठहराया है। इस बैठक में कुश्ती के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई है।
2023 के जनवरी से, कुश्ती संघ को दो बार सस्पेंड किया गया है, जिससे राष्ट्रीय कैंप्स और प्रतियोगिताएं रुक गई हैं। वर्तमान में, खेल मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक अल्पकालिक पैनल स्पोर्ट का प्रशासन कर रहा है। जूनियर कुश्ती प्रतिभागियों का मानना है कि वे सस्पेंड किए गए कुश्ती संघ को पुनः स्थापित करना चाहते हैं और अल्पकालिक पैनल को बंद करना चाहते हैं।
कुछ कुश्ती प्रतिभागियों ने अंतर्राष्ट्रीय संघ यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) को लिखकर मदद मांगी है। पहले ही UWW ने संघ को चुनावों का आयोजन नहीं करने के वजह से बैन कर दिया था। जूनियर कुश्ती प्रतिभागियों का मानना है कि UWW की सहायता से भारतीय कुश्ती की समस्याओं का समाधान हो सकता है।
एक साल पहले भी, जंतर मंतर पर बैठक में बाजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने पूर्व WFI चीफ ब्रिज भूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की थी, उन्होंने उन्हें महिला कुश्ती प्रतिभागियों के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। हालांकि, अब स्थिति उलट चुकी है, और जूनियर कुश्ती प्रतिभागियों ने इन शीर्ष खिलाड़ियों को अपने करियर को बर्बाद करने के आरोप लगाए हैं।
वर्ष 2022 से, राष्ट्रीय कैंप्स और प्रतियोगिताएं रुक गई हैं, जिससे जूनियर कुश्ती प्रतिभागियों के करियर पर असर पड़ा है। बैठक में मौजूद प्रतिभागियों का मानना है कि एक पूरा साल व्यर्थ हो गया है, जिससे उनके विकास और उनकी आकांक्षाओं पर प्रतिबंध लग गया है।
-Daisy