अमेरिका के विरासत कानून पर भारत मे मचा बवाल

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा (Sam Pitroda)के एक बयान पर देश में हंगामा मच गया है। पित्रोदा ने कहा था कि भारत में विरासत टैक्स (Inheritance Tax)लगाने पर बात होनी चाहिए।

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा (Sam Pitroda)के एक बयान पर देश में हंगामा मच गया है। पित्रोदा ने कहा था कि भारत में विरासत टैक्स (Inheritance Tax)लगाने पर बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। उनके इस बयान को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने मंगलवार को कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कहा कि कांग्रेस कहती है कि वो माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएग। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पंजा आपसे आपकी विरासत छीन लेगा।

प्रधान मंत्री के बयान के बाद आया यह बयान

प्रधानमंत्री की ओर से मामला उठाए जाने और मामला उलटा पड़ता देख कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से किनार कर लिया। उसने इसे पित्रोदा का निजी बयान बताया है। इसके बाद भी मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस के बचाव में अभी इंडिया गठबंधन के किसी नेता का बयान सामने नहीं आया है।

क्या है कानून?

सैम पित्रोदा जिस अमेरिका के किस कानून का जिक्र कर रहे थे। दरअसल अमेरिका में संपत्ति दो तरह के कर लगाए जाते हैं। एक होता है संपत्ति कर और दूसरा है, विरासत कर। अमेरिका के 12 राज्यों में संपत्ति कर लगाया जाता है। वहीं केवल छह राज्य ही विरासत कर लगाते हैं। संपत्ति कर को ‘डेथ टैक्स’के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संघीय कानून है। यह किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसकी संपत्तियों के हस्तांतरण पर लगता है। माना जाता है कि यह कर संपत्तियों पर बकाया है, लाभार्थियों पर नहीं। संपत्ति कर 18 से 40 फीसदी के बीच हो सकता है। इसके उलट विरासत कर उस व्यक्ति पर लगता है, जिसे विरासत में पैसा, प्रापर्टी या कोई और धन-संपदा मिल रही है। यह किसी व्यक्ति की मौत पर उसकी संपत्तियों के हस्तांतरण पर लगता है। यह उसी राज्य में लगता है, जहां वह है, भले ही लाभार्थी किसी और राज्य में रह रहा हो। लाभार्थी को यह कर देना पड़ेगा।

कितने राज्यों मे लागू है यह कानून?

विरासत कर अमेरिका के केवल छह राज्यों में ही लागू है।  ये स्टेट हैं- अयोवा,  कैंटुकी , मैरीलैंड, नेब्रास्का, न्यू जर्सी और पेंसुलवेनिया। यह कर एक फीसदी से 20 फीसद तक हो सकता है। आयोबा ने इस विरासत कर को खत्म करने का फैसला किया है। एक जनवरी 2025 के बाद से होने वाली मौतों के बाद लगने वाले कर को चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे खत्म कर दिया जाएगा.यह तो रही कानून की बात। आइए अब आपको बताते हैं कि इस पर राजनीति कब से शुरू हुई और किसने क्या कहा है।

सैम पित्रोदा के बयान पर हुआ बवाल

सैम पित्रोदा ने कहा था कि भारत में विरासत टैक्स लगाने पर बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है।  अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उनकी मौत के बाद 45 फीसदी संपत्ति उनके बच्चों को मिलती है और 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार को चली जाती है।उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है। यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपए की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी प्रॉपर्टी मिल जाती है। जनता के लिए कुछ नहीं बचता। उन्होंने पर चर्चा करने की बात की। पित्रोदा के बयान पर विवाद होने के बाद कांग्रेस ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया। पार्टी ने इसे पित्रोदा का निजी बयान बताया है।

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