35 सालों के बाद हाथ आया डकैत
साढे तीस वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पुलिस के हाथ आया नामी डकैत। चोर पुलिस का यह खेल 2 अप्रैल को समाप्त हो गया जब पुलिस ने शाहदरा में हुई डकैती में शामिल आरोपी को पकड़ लिया। शाहदरा पुलिस साढ़े तीस वर्षों से इस डकैती को पकड़ने में लगी हुई थी परंतु हर बार वह इसे पकड़ पाने में विफल रहती थी। परंतु पुलिस ने भी हर नहीं माना और अपने इस मिशन पर लग रहे और इस बार इस बार पुलिस अपने मकसद में कामयाब रही। यह डकैत 1989 में हुए शाहदरा में चोरी में शामिल था और इस समय से पुलिस इसे ढूंढ रही थी पर यह पुलिस से छिपने में हर बार सफल होता रहा। शाहदरा डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि डकैत की पहचान किशनपाल के रूप में हुई है इसकी उम्र 75 वर्ष है। परंतु यह इसका इकलौता नाम नहीं है इससे पहले उसने अपने कई नाम बदले हैं जैसे कुशल पाल, पप्पू तो कभी ठाकुर नाम।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद का था नामी डकैत
डकैत किशन पाल उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद का रहने वाला था। वह1989 में शाहदरा में हुए डकैती में शामिल था। पुलिस इस डकैती को पकड़ने के लिए दर-दर भटक रही थी वह पुलिस से बचने के लिए लगातार अपना नाम और जगह बदलता रहता था। काफी असफलताओं के बाद भी शाहदरा जिला पुलिस की टीम ने अपनी कोशिश नहीं छोड़ी थी। और उनकी कोशिश रंग लाई और 2 अप्रैल को उन्होंने आरोपी को पकड़ लिया। और अपने साढ़े तीस वर्षों के लंबे कोशिश उसे पकड़ कर अंतिम रूप दिया।
पुलिस को हाथ लगी गुप्त सूचना
शाहदरा पुलिस को डकैत किशन पाल को लेकर एक सीक्रेट सूचना मिली जिसमें उन्हें किशन पाल के मौजूद होने का सुराग मिला तभी पुलिस ने एक जाल बिछाया और एक-एक करके अपने मिशन को अंजाम दिया और डकैती किशन पाल पुलिस के जाल में फसता चला गया।शाहदरा थाना के एच एस ओ के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया जिसमें किशनपाल को पकड़ने के लिए प्लान बनाया गया।
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने डकैत के ठिकाने पर छापा मारा जैसे ही वे उसे ठिकाने पर पहुंचे उन्हें डकैत सामने बैठा दिखा तभी पुलिस की आंखों में चमक दिखाई दी और और बिना देरी किए हुए पुलिस ने डकैत को धर दबोचा और उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।