आईपीएल 2024 अब धीरे-धीरे प्ले ऑफ की तरफ बढ़ रहा है। अब एक-एक मुकाबला अहम हो गया है, क्योंकि इसी से टीमों की प्ले ऑफ की सीट तय होगी।
आईपीएल 2024 अब धीरे-धीरे प्ले ऑफ की तरफ बढ़ रहा है। अब एक-एक मुकाबला अहम हो गया है, क्योंकि इसी से टीमों की प्ले ऑफ की सीट तय होगी। ऐसे में सभी टीम अपने मुख्य खिलाड़ियों को बचे हुए मैचों में खेलते हुए देखना चाहती हैं। इस बीच टी20 वर्ल्ड कप ने अड़चन पैदा कर दी है। कुछ देशों के बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को वापस बुला लिया है, कई बड़े खिलाड़ी लीग को बीच में ही छोड़कर वापस जाना चाहते हैं। उनके इस फैसले पर कई फ्रेंचाइजी ने कड़ा ऐतराज जताया है। इसके साथ ही अब नेशनल ड्यूटी और आईपीएल को लेकर एक बहस छिड़ गई है। इस स्थिति को देखते हुए भारत के दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने इन खिलाड़ियों को खरी-खरी सुना दी है और बीसीसीआई से कड़े एक्शन की भी मांग की है।
क्या बोले गावस्कर
बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान पहले ही चेन्नई सुपर किंग्स को छोड़कर अपने देश लौट चुके हैं. इससे सीएसके संकट में आ गई है। अब इंग्लैंड के कई खिलाड़ी अपने देश वापस लौटने की तैयारी में हैं। इससे आईपीएल में एक बार फिर से खिलाड़ियों का संकट मंडराने लगा है। अब गावस्कर ने ‘मिड डे’ में एक लेख के जरिए इन सभी खिलाड़ियों पर अपना गुस्सा निकाला है।
उन्होंने कहा है कि वो आईपीएल के आगे नेशनल ड्यूटी रखने के बिलकुल खिलाफ नहीं हैं। लेकिन अगर किसी खिलाड़ी ने पूरे सीजन में रहने का वादा किया है और उनके बोर्ड ने इसकी इजाजत दे दी है, फिर वो ऐसे अचानक नहीं जा सकते। गावस्कर का मानना है कि खिलाड़ी फिर भी ऐसा करते हैं तो फ्रेंचाइजी के पास एक्शन लेने की पावर होनी चाहिए. उन्होंने बीसीसीआई से फ्रेंचाइजी को इन खिलाड़ियों की सैलरी काटने की पावर देने की बात कही है।
बोर्ड को भी ठराया दोषी
सुनील गावस्कर इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रामक दिखे। उन्होंने आईपीएल को बीच में छोड़ने के लिए केवल खिलाड़ियों को ही नहीं बल्कि उनके बोर्ड को भी दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इससे फ्रेंचाइजी का बहुत नुकसान होता है। गावस्कर ने खिलाड़ियों के साथ-साथ बोर्ड को दिए जाने वाले कमीशन में कटौती का प्रस्ताव सुझाया है। सुनील गावस्कर के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग IPL के साथ भेदभाव किया जाता है, उन्होंने कहा कि किसी और लीग में फ्रेंचाइजी किसी बोर्ड को कमीशन नहीं देती है। लेकिन आईपीएल के साथ अपवाद है, यहां आने वाले विदेशी खिलाड़ियों के बोर्ड को 10 प्रतिशत कमीशन फीस के तौर पर देना पड़ता है।