धर्मेंद्र मिश्रा हिंदी उपन्यास मुहाना सीरीज विज्ञान पर आधारित एक फैंटसी ,एडवेंचर है।
जो क्वांटम फिजिक्स ,और AI तकनिकी जैसे भविष्य के मानव सभ्यता पर आधारित है। इस उपन्यास पर बात करने से पहले हम थोड़ा विज्ञान की भी जानकारी साझा कर लेते है,वैसे तो क्वांटम फिजिक्स बहुत ही पेंचीदा है। जिसे समझना बहुत ही कठिन है या कहें हम इसके बारे में जितना समझने की कोशिश करते हैं उतना ही उलझते जाते हैं। ये नार्मल क्लासिक फिसिस के अलग है। आसान भाषा में कहे तो जो हमारी समझ से परे है वही क्वांटम फिजिक्स है। विज्ञान की तै मानक धारणा को तोड़ देती है। परमाणु से भी आती परमाणु जिसे किसी भी वैज्ञानिक उपकरणों द्वारा नहीं मापा जा सकता उसके बारे में बात करती है।
जैसे कोई भी चीज एक ही समय पर स्थिर और गतिशील दोनों हो सकती है, एक साथ कई जगह पर हो सकती हैं। जिसे सुपर पोजीशन स्टेट भी कहते हैं। दुनिया की हर चीज कहीं न कहीं एक दूसरे से जुडी है जिसे क्वांटम इंटेंगलमेंट कहते हैं। एक ही समय पर कोई व्यक्ति और सूचना मौजूद हो सकते हैं, वैज्ञानिक भाषा में इसे टेलीपोर्टेशन भी कहते हैं। कोई चीज जब हम देख रहे होते हैं तो वो हमे दिखाई देती है लेकिन जैसे ही उससे नजरें हटाते हैं, वो चीज वहां से गायब हो जाती है। कुछ ऐसे ही विषयों पे ताना-बाना बुनती है ये उपन्यास आधुनिक विज्ञान की संरचना को आधार बना कर ये उपन्यास लिखी गई है।
मुहाना सीरीज का पहला भाग समय के जाल में उलझी रहस्य और रोमांच से भरी ऐसी कहानी है जिसके मुख्य पात्र हैं जैसे कि ;जिनी ,ओपी वारंगल, डीकेडी, टिम जेन, जियान यंग, जिदान चैन, सिंग लू । पूरी कहानी की विषय वस्तु एक बड़े कैनवास पर उतरी गई है जो वैज्ञानिक दुनिया के अनूठे प्रयोग से भरी जहाँ एक तरफ चीन है जो पूरी दुनिया में अपने विस्तारवादी सम्राज्य को फैलाना चाहता है। कई ऐसे घातक प्रयोग की मदत पूरी दुनिया को मौत के मुँह की तरफ मोड़ देता है।
चीन के पास जियान यंग नाम के सुपर पावर क्लोन की शक्ति है जो कैलाश पर्वत की रेंज में पृथ्वी के गर्भ में कई भयंकर वैज्ञानिक प्रयोग कर प्रकृति को ही बदलने पे आमादा है। इंसानी सभ्यता को ख़त्म कर दुनिया में एक नई सभ्यता लाना चाहता है तो वहीँ दूसरी तरफ टीम जेन नाम का सुपर पावर क्लोन है जो इंसानी नस्ल को बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है ।
वहीँ जिनी भारतीय रक्षा अनुशंधान क्षेत्र में वैज्ञानिक रिसर्च डिपार्टमेंट में काम करती है तो वहीँ ओपी वारंगल ,प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक सलाहकार रहते हैं और डीकेडी ख़ुफ़िया विभाग के पुलिस अधिकारी है। जिनी ,ओपी वारंगल और डीकेडी ये पूरी दुनिया को मौत के मुहाने पे जाने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए नजर आते हैं ।
जियान यंग, चीन के साथ मिल कर डार्क मैटर ,डार्क एनर्जी जैसे, ब्रह्माण्ड की शक्तियों से निर्मित हथियारों की मदत से दुनिया में तबाही ला दी। वहीँ टिम जेन दुनिया को इस महाविनाश से बचाने के लिए एक ही समय में कई जगह पे मौजूद रह कर जियान यंग और चीन का मुकाबला करता है। अपनी दिमागी क्षमता से उन्हें मात देता है। पूरे चाइना को राख के ढेर में तब्दील कर देता है। अंत में जियान यंग के साथ टिम जेन पूरे कैलाश पर्वत की खोह में समा जाते हैं ।
बहुत ही दिलचस्प मोड़ पे पहला भाग ख़त्म होता है जहाँ से अगले पार्ट का क्लू मिलता है। ।
अब बात करते हैं ;दूसरा भाग मुहाना -2 ;रोमन का साम्राज्य।
दूसरे भाग में टिम जेन और जियान यंग का आपस में क्या सम्बन्ध है, मालूम चलता है।
जिनी ,ओपी वारंगल, डीकेडी इन सब का आपस में क्या सम्बन्ध है, कैसे टिम जेन और जियान यंग जैसे सुपर पावर से कनेक्ट होते है मालूम चलता है।
इस महाविनाश साम्राज्य का सबंध सिर्फ एक ही व्यक्ति से है वो है रोमन।
रोमन का जन्म सामान्य बच्चे की तरह ही होता है, रोमन एक जेनेटिक्ली मॉडिफाइड बच्चा है , कई विलक्षण ,अद्भुत पावर के साथ पैदा होता है जिसे भारतीय डॉक्टर वीके प्रसाद का हाँथ रहता है। लेकिन उन्होंने अपने इस प्रयोग को उसके माता पिता से छिपाया।
जैसे- जैसे वो बड़ा होता गया विज्ञान की मदत से ऐसी ताकत हासिल कर चूका था, स्वयं के ही अस्तित्व को चुनौती देता है, एक तरह से स्वयं को भगवान समझने लगा।
रोमन के सर पे ताकत का नशा ऐसे सवार हुआ की सब कुछ अपने बस में करना चाहता था। अपनी काबिलियत के बल पे उसने वह सब कुछ हासिल किया जो वह चाहता था लेकिन होता वही है जिसका आरम्भ है उसका अंत भी है। रोमन खुद अपने ही बिछाए जाल में फस कर शिकार हो गया। रोमन का साम्राज्य देखते ही देखते उसकी आँखों के नष्ट होने लगा, अपनी गलतियों का सुधार तो करना चाहता था लेकिन समय निकल चूका था।
वह जिंदगी और मौत के सफर में बहुत आगे निकल चुका था। रोमन ने चीन पे भरोसा कर बहुत बड़ी गलती की जिसकी सजा जान की कीमत पर थी । लेकिन जाते -जाते उसने विज्ञान की दुनिया के लिए कुछ ऐसा उपहार दिया जो वरदान भी और अभिशाप भी था। वो थे जियान यंग और टिम जेन।
रोमन ने चीन के सहयोग से जिस क्लोन को अपना उत्तराधिकारी बनाया, चीन ने उसे जियान यंग निक नेम ग्रेट वन नाम दिया। जिसने दुनिया में जलजला उठा दिया, महाविनाशक साम्राज्य की स्थापना की ओर बढ़ चला। जिसने इंसानों को ख़त्म करने के लिए विनाशकारी केमिकल वेपन तैयार किए जो हवा को सोख ले, पानी को सूखा दे, रबड़ इन्सेक्ट, रेडिएंट मैंन जैसे जीवों की उत्त्पति की जो बिना हवा-पानी के भी जिन्दा रह सकें, वे जहाँ अपने कदम रखते तबाही ही तबाही… जियान यंग ‘ग्रेट वन’ स्वयं में भी महा विनाशकारी हथियार से कम नहीं था, जिसका सामना करना दुनिया केलिए बहुत बड़ी चुनौती थी।
रोमन ने जाते-जाते आखरी दाव खेला अमेरिका और डॉ .वीके प्रसाद की मदत से टिम जेन जैसा एक नायब क्लोन का निर्माण किया। जिसकी क्षमता के आगे हर किसी ने घुटने टेक दिए।
कुलमिलाकर पूरी उपन्यास फैंटसी है। एक अद्भुत ,रोमांचकारी ,विज्ञान की दुनिया की सैर कराती है। पढ़ते समय कहीं भी बोरियत और उबाऊ पन ऐसा फील नहीं होता । घुमावदार ,फ़ास्ट पेस पे आगे बढ़ती है। इसमें लव एंगल भी है, ,सिचुएशनल कॉमेडी है। सबसे बड़ा प्लस पॉइंट डायलॉग हैं जो यूनिक नया फील कराते हैं। माइनस पॉइंट ,यदि आप विज्ञान में रूचि नहीं रखते ,फैंटेसी पसंद नहीं करते ,सत्य कथा में दिलचस्पी है तो ये उपन्यास आपको उबाऊ ऊपर से जाती हुई लगेगी ।
आप ये उपन्यास ऑनलाइन .ई-बुक ,पेपर बैक माध्यम से पढ़ सकते हैं।ऐमज़ॉन , फ्लिपकार्ट , बुकस्केप पर उपलब्ध है ।