10 साल तक नथ्थु-राम गोडसे और सांवरकर की राजनीति का अनुसरण किया लेकिन परिणाम शून्य रहा !
हमने तो कहा था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आगे-पीछे तुम्हें घुटनों के बल झुकना पड़ेगा !
तुमने तुम्हारे सांसदों को चाहे वह साध्वी प्रज्ञा हो या कंगना रणौत, उन्हें छूट दि यह बोलने के लिए कि हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपना नेता नहीं मानते !
तुमने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के कल्चर को खत्म करने की कोशिश की !
आज तुम यूक्रेन गए हो, वहां जाकर यह लेक्चर देते हो कि दशकों तक हमारे भारत की सरकारों ने दूसरे देशों के साथ जुड़ने की कोशिश नहीं की ? एक डिस्टेंस बना कर रखा ! और तुम ऐसे पहले प्रधानमंत्री हो जिसने हर देश के साथ जुड़ने की कोशिश की ! तुमने इस देश के 70 साल के 14 से ज्यादा प्रधानमंत्रीओ का अपमान किया !
तुमने चीन में जाकर हमारे देश के बारे में गंदी बातें बोली, तुमने रसिया में जाकर हमारे देश की बदनामी की, तुमने ऑस्ट्रीया में जाकर हमारे देश की बदनामी की, तुमने पोलैंड और यूक्रेन में हमारे देश की बदनामी की !
तुम और तुम्हारे चमचे कहते थे कि राहुल गांधी परदेस में जाकर देश का नाम खराब करते हैं !
तुम तो खुद एक प्रधानमंत्री हो, तुम खुद प्रधानमंत्री होकर दूसरे देशों में जाकर अपने ही देश के बारे में बुरा बोलते हो ? पता है तुम्हारे पुरखे नथ्थू-राम है, सांवरकर है, वह अंग्रेजों के गुलाम थे वह पता है हमें, तुम्हारा खून, तुम्हारा डी.एन.ए., तुम्हारे रंगसूत्र सब कुछ गुलामी का है पता है हमें, लेकिन 140 करोड लोग देख रहे हैं, उनकी आंखें खुली है !
संसद में तुमने सांवरकर का पुतला लगाया मुझे एक जवाब दीजिए मोदी जी, आप जापान जाकर आए, आप ऑस्ट्रेलिया में जाकर आए, आप कनाडा गए, अमेरिका गए, आप इटली जाकर मेलोडी करके आए, आप रसिया गए, यूक्रेन गए, ऑस्ट्रीया गए, पोलैंड गए, आप चीन 15 से ज्यादा बार जाकर आए, आप पाकिस्तान भी जाकर आए आपकी भारत के मणिपुर, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में जाने की हिम्मत नहीं है मोदी जी !
लेकिन जो मूल सवाल था वह मैं पूछना चाहता हूं आपने जिसका पुतला संसद में लगाया उस सांवरकर का एक पुतला आपने 10 साल में जितने भी देशो में जाकर, प्रवास किया वहां मिला क्या आपको ? सिर्फ एक पुतला ? जहां पर आपने सांवरकर को नमन किया ?
मैं तो सिर्फ 80 देशों से ज्यादा देशों की बात करता हूं, लेकिन कहीं-कहीं तो लिखा हुआ मिलता है की पूरी दुनिया में 100 से अधिक देशों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले हैं !
क्या नथ्थू-राम ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या सच में की है ? तुमने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सिर्फ एक शरीर समझा ! क्योंकि तुम्हारी सोच पढ़ी-लिखी है ही नहीं, गांधीजी अपने विचारों के साथ आज भी पूरी दुनिया में जीवित है !
अगर दशकों तक हमारे देश ने सारे देशों के साथ जुड़ने की कोशिश नहीं की होती तो इतने सारे देशों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पुतला किसने लगाया ?
अगर हम विश्व के इतने देशों के साथ जुड़े नहीं होते तो इतने देशों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले कंहा से आ गये ?
क्या राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खुद जाकर लगाए हैं यह पुतले ? क्या उनकी इतनी पहचान थी ? अगर हां तो फिर तो यह साबित हो गया कि हम इतने सारे देशों के साथ जबरदस्त तरीके से जुड़े हुए थे और इसीलिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कहने पर इतने सारे देशों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले उन्होंने अपने देश में लगाए हैं !
तो यहां पर आपने पोलैंड और यूक्रेन की धरती पर जो भाषण दिया है भारत की बदनामी करता हुआ, वह गलत साबित होता है !
और अगर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अपनी पहचान नहीं थी, और इन देशों ने अपने आप यह पुतले लगाए हैं तो इसका मतलब तो यह साबित होता है कि भारत का डंका तो पूरे विश्व में 1947 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खुद बजा दिया है और सभी देशों के साथ हमारे इतने अच्छे रिलेशंस है कि हमारे खुद के देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले तुम्हारी सरकारों में तोड़े जाते हैं लेकिन जहां पर युद्ध चल रहे हैं उन देशों में भी हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले सुरक्षित है यही हमारा जुड़ाव है दूसरे देशों के साथ !
तो इस कंडीशन में भी तुम्हारा भाषण विदेश की धरती पर गलत साबित होता है कि दशकों तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्रीओ ने दूसरे सारे देशों के साथ अच्छे रिलेशंस नहीं रखें, अच्छी तरह से नहीं जुड़े, यह बिल्कुल गलत साबित होता है !
मोदी जी विश्व के देशों में ना नथ्थू-राम का पुतला है, ना सांवरकर का पुतला है और ना आपका लगने वाला है यह कान खोलकर सुन लो !
मैंने तो 1000 बार लिखा है कि यह देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से ही चलता था और चलता रहेगा !
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कोई पर्याय नहीं है !
10 साल तक तुमने सांवरकर की राजनीति की, तुम्हारा परिणाम शून्य हो गया !
मैंने पहले भी कहा था कि अगर भारतीय राजनीति में आपको काम करना है तो भगवान श्री राम और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अवगणना कभी ना करना क्योंकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अंतिम शब्द “हे राम थे” तुम दिल से मानो या ना मानो पर अवगणना नहीं कर सकते, तभी तुम जीतोगे और जो व्यक्ति इन दो शब्दों की अवगणना करेगा या अपमान करेगा वह इस देश का सबसे मूर्ख राजनीतिज्ञ साबित होगा !
नरेंद्र मोदी ने सबसे ज्यादा राम और हिंदुत्व का अपमान किया, नरेंद्र मोदी ने सबसे ज्यादा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया ! आज वह कहीं के नहीं रहे !
इसीलिए देखिए आज वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले को नमन भी करते हैं और रसिया और यूक्रेन को, यूक्रेन की धरती पर से यह कहते हैं की युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं ! यह संदेश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का था !
जो कहता था कि मैं चीन को लाल आंख दिखाऊंगा, जो कहता था कि मैं एक सर के बदले में 10 सर लाऊंगा, जो संविधान खत्म करने की बात करता था, जो आरक्षण खत्म करने की बात करता था, जो कांग्रेस को नेस्त-नाबूद करने की बात करता था, जो एक अकेला सब पर भारी था, जो 400 लेकर आने की बात करता था, जो नॉन बायोलॉजिकल, देवताओं का देवता था आज रूस और यूक्रेन को कहता है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संदेश के साथ की युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं !
अब यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चरणों पर जाकर फिर से अपनी राजनीति शुरू करेगा, लेकिन देश के लोगों, इस लुच्चे के भाषणों में अब फिर से मत आना !
अब इसने सांवरकर को फेंक दिया है, अब यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संदेश फैलाने लगा है !
मोदी जी अब पछतावे क्या होगा ? जब चिड़िया चुग गई खेत ?
आप एक महामूर्ख और एक महा-पप्पू पॉलिटिशियन साबित हो चुके हैं जो मैं 10 साल से बोल रहा हूं !
लोग आज बोलने लगे हैं, लेकिन लोग 2014 से लेकर 2019 के बीच में नहीं बोलते थे, किसी भी पक्ष के लोग नहीं बोलते थे, मोदी को महा-पप्पू और महा मूर्ख लेकिन मैं 2014 से बोलता हूं !
और सबूत मेरा फेसबुक है, मेरा अभिमान नहीं ! आपका काम ही आपका सबूत होता है !
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आज भी नरेंद्र मोदी को मजबूर कर दिया यह संदेश देने के लिए के युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं, यहीं पर कांग्रेस की जीत होती है, यहीं पर राहुल गांधी की जीत होती है जिन्होंने भारत जोड़ो यात्रा से ही दिल से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को अपना लिया है ! और आज नरेंद्र मोदी भी वही भाषा बोलने लगा है !
कांग्रेस को नेस्त-नाबूद कर दुंगा कहने वाले को कांग्रेस की विचारधारा ने उसके जीते जी उसको नेस्त-नाबूद कर दिया !
सागर शाह ( चिराग )