अयोध्या में Ram Mandir का निर्माण दशकों से भारत में गहन बहस और विवाद का विषय रहा है। हाल ही में, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में कुछ टिप्पणियां कीं, जिसने इस मुद्दे पर चल रही चर्चा को और तेज कर दिया।
लोकसभा में ओवैसी का भाषण
बाबरी मस्जिद की उपस्थिति
लोकसभा में अपने भावनात्मक भाषण के दौरान, ओवैसी ने जोर देकर कहा कि बाबरी मस्जिद, जिसे 1992 में ध्वस्त कर दिया गया था, हमेशा उस स्थान पर मौजूद रहेगी जहां वह कभी खड़ी थी। उन्होंने उत्साह से घोषणा की, “मेरा ये मानना है की मस्जिद अभी भी मौत है और उसी स्थान पर रहेगी जहां वाह कभी हुआ कार्ति थी। बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी। बाबरी मस्जिद जिंदाबाद, भारत जिंदाबाद, जय हिंद! (मेरा मानना है कि मस्जिद अभी भी मौजूद है और उसी स्थान पर बनी रहेगी जहाँ यह कभी खड़ी थी। बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी। बाबरी मस्जिद दीर्घायु हो, भारत दीर्घायु हो, जय हिंद!)
सरकार की आलोचना
अपने भाषण में, ओवैसी ने यह भी सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार केवल एक धर्म का प्रतिनिधित्व करती है या पूरे देश का। उन्होंने पूछा, “क्या मोदी सरकार कैसी विदेश समुद्र या धर्म की सरकार है? ये फिर ये पूरा देश की सरकार है? क्या भारत सरकार का भी कोई धर्म है? (क्या मोदी सरकार किसी विशेष समुदाय या धर्म की सरकार है? या यह पूरे देश की सरकार है? क्या भारत सरकार का कोई धर्म है?)
विवादास्पद टिप्पणियां और प्रतिक्रियाएं
ओवैसी की टिप्पणी पर देश भर के विभिन्न राजनीतिक दलों और व्यक्तियों की प्रतिक्रियाओं की लहर दौड़ गई। कुछ लोगों ने उनके बयानों की आलोचना करते हुए उन पर विभाजनकारी राजनीति करने और धार्मिक तनाव भड़काने का प्रयास करने का आरोप लगाया। अन्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त करने के उनके अधिकार का समर्थन किया और तर्क दिया कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस एक महत्वपूर्ण अन्याय था।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
ओवैसी की टिप्पणी और Ram Mandir को लेकर चल रहे विवाद के महत्व को समझने के लिए, इस मुद्दे की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में गहराई से जाना महत्वपूर्ण है।
-Daisy