भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक महत्वपूर्ण कदम में डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा प्रदाता पेटीएम को एक बड़ा झटका लगा है। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर प्रतिबंध लगाए हैं, नए ग्राहकों को जोड़ने से रोका है और मौजूदा खाताधारकों पर सीमाएं लगाई हैं। यह निर्णय गैर-अनुपालन और लेखा परीक्षा रिपोर्टों और बाहरी लेखा परीक्षकों द्वारा उठाई गई चिंताओं के परिणामस्वरूप आता है।
डिजिटल भुगतान उद्योग में अग्रणी कंपनी पेटीएम ने पेटीएम भुगतान बैंक को शामिल करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार किया है। पेटीएम की इस बैंकिंग शाखा का उद्देश्य अपने ग्राहकों को डिजिटल भुगतान समाधान, बचत खाते, चालू खाते, प्रीपेड उपकरण, फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) प्रदान करना है। हालांकि, हाल की ऑडिट रिपोर्टों ने पेटीएम पेमेंट बैंक के भीतर गैर-अनुपालन और पर्यवेक्षी चिंताओं को उजागर किया, जिससे आरबीआई की निर्णायक कार्रवाई हुई।
पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई में नए ग्राहकों को जोड़ने पर प्रतिबंध शामिल है। इसका मतलब है कि पेटीएम अब अपनी बैंकिंग सेवाओं के लिए नए ग्राहकों को शामिल नहीं कर पाएगा। आरबीआई ने इस प्रतिबंध को लागू करने के लिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए को लागू किया है। इस निर्णय को तुरंत लागू कर दिया गया था और पेटीएम और उसके ग्राहकों के लिए इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
आरबीआई की कार्रवाई से पेटीएम पेमेंट बैंक के मौजूदा ग्राहक भी प्रभावित होंगे। 29 फरवरी 2024 से ग्राहक अपने खातों, वॉलेट या फास्टैग में जमा या टॉप-अप नहीं कर पाएंगे। हालांकि, उनके पास अभी भी अपने बचत खातों, चालू खातों, प्रीपेड उपकरणों, फास्टैग और एनसीएमसी तक पहुंच होगी, जिससे वे बिना किसी प्रतिबंध के शेष राशि निकाल सकते हैं या उसका उपयोग कर सकते हैं।
पेटीएम के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई कंपनी की अपने पोस्टपेड ऋणों के आकार को कम करने की योजना को लेकर अटकलों के बीच आई है। पेटीएम ने व्यक्तिगत और व्यापारी ऋणों को बढ़ाते हुए छोटे पोस्टपेड ऋणों के आकार को कम करने के अपने इरादे की घोषणा की थी। इस योजना की ब्रोकरेज घरानों ने आलोचना की, जिससे पेटीएम के शेयरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। पेटीएम पेमेंट बैंक पर आरबीआई के प्रतिबंध कंपनी के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा सकते हैं।
पेटीएम पेमेंट बैंक पर प्रतिबंध लगाने के आरबीआई के फैसले का कंपनी के शेयरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। हाल के दिनों में, पेटीएम के शेयरों में पहले ही 20% तक की गिरावट देखी गई है। इस निर्णय ने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के बीच चिंता पैदा कर दी है, जो स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। पेटीएम के शेयर की कीमत पर अंतिम प्रभाव आरबीआई द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने और नियामक अनुपालन को बहाल करने की कंपनी की क्षमता पर निर्भर करेगा।
पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई का श्रेय ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों के निष्कर्षों को दिया जा सकता है। इन रिपोर्टों ने पेटीएम द्वारा प्रदान की जाने वाली बैंकिंग सेवाओं के भीतर सामग्री पर्यवेक्षी खामियों के बारे में गैर-अनुपालन और चिंताओं को उजागर किया। आरबीआई के निर्णय का उद्देश्य नियामक मानकों को लागू करना और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता और बैंकिंग प्रणाली की अखंडता सुनिश्चित करना है।
आरबीआई की कार्रवाई के जवाब में पेटीएम ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, कंपनी से उम्मीद की जाती है कि वह आरबीआई के साथ बातचीत करेगी और ऑडिट रिपोर्टों द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करेगी। पेटीएम को सुधारात्मक उपाय करने, अपने अनुपालन ढांचे को बढ़ाने और नियामक मानकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने की आवश्यकता होगी। इन मुद्दों का समाधान पेटीएम की प्रतिष्ठा और भविष्य के संचालन के लिए महत्वपूर्ण होगा।
-Daisy