इराक ने शनिवार (27 अप्रैल) को अपने संसद मे समलैंगिक संबंधों के ऊपर एक बड़ा ही कठोर कानून पारित किया है, इस कानून के तहत अब इराक में समलैंगिक संबंध बनाना कानूनी अपराध होगा, समलैंगिक संबंध बनाने वाले व्यक्ति के लिए कम से कम 10 साल और अधिकतम 15 सालों की सजा का प्रावधान दिया गया है।
इराक द्वारा पारित इस कानून के जरिए वाइफ स्वैपिंग ( पत्नियों की अदला-बदली) और वेश्यावृत्ति को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है, इसके लिए भी कम से कम 10 साल और अधिकतम 15 साल की सजा मुकर्रर की गई है, और अगर कोई व्यक्ति समलैंगिक संबंध और वेश्यावृत्ति को बढ़ावा देता है तो उसके लिए कम से कम 7 सालों की सजा तय की गई है।
इराक द्वारा पारित इस कानून में यह भी कहा है कि अगर कोई व्यक्ति ‘लिंग परिवर्तन’ की कोशिश करता है या जानबूझकर किसी दूसरे लिंग के व्यक्ति की तरह कपड़े पहनता है, दूसरे लिंग के व्यक्ति की तरह जीवन जीता है तो उसके लिए कम से कम 1 साल और अधिकतम 3 सालों की सजा तय की गई है, अगर कोई डॉक्टर लिंग परिवर्तन का कार्य करता है तो उसके लिए भी कठोर सजा की बात कही गई है।
इराक परंपरागत एवं एक रुढ़िवादी देश है, पारित कानून में पहले समलैंगिक संबंधों पर मौत की सजा का जिक्र था परंतु अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों ने जब इस कानून का कड़ा विरोध किया तब जाकर इराक ने कानून में कुछ संशोधन किए, इराक का कहना है कि कानून का उद्देश्य देश में धार्मिक मूल्यों को कायम रखना एवं समाज एवं लोगों को समलैंगिक नामक पतन से बचाना है, समलैंगिक एवं वेश्यावृत्ति जैसी लोगों से देश के धार्मिक मूल्यों को नुक्सान पहुंचता है और इससे देश के लोगों का भी पतन होता है।
हालांकि मानवधिकार आयोग में एलजीबीटी अधिकार आयोग की उपनिदेशक ने कहा इराक द्वारा पारित कानून लोगों के मानव अधिकारों का उल्लंघन है, लोगों के पास खुद के जीवन को अपने तरीके से जीने का अधिकार होना चाहिए, इराक ने इस कानून को पारित करके समलैंगिक लोगों के मौलिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया है, इराक द्वारा ऐसा करना बहुत भयावह है।इराक के संसद द्वारा इस कानून के पारित होने की कई देशों ने निंदा की गई है, अमेरिका ने कहा है कि ‘ यह कानून लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन करता है और इराक के लोगों के मौलिक स्वतंत्रता के लिए यह बहुत बड़ा खतरा है।
रिपोर्ट – आशीष रंजन