पाकिस्तान में महंगाई का दर इस हद तक बढ़ चुका है कि लोगों के लिए अपने दैनिक जरूरतों को पूरा करना भी मुश्किल होता जा रहा है। डीजल और पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बिजली की कीमतों में लगातार उछाल देखा जा रहा है। ऐसे में ईद का त्यौहार पाकिस्तान में फीका नजर आते दिख रहा है। जहां लोग शाम को रोजा खोलने के लिए फलों और तरह-तरह के व्यंजनों का इस्तेमाल करते हैं वहीं पाकिस्तान के लोग सिर्फ और सिर्फ पानी से रोजा खोलने कोमजबूर पानी पिकर रोजा खोलने को मजबूर है। इन सब के बीच सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों को स्थिति सुधारने की उम्मीद दूर-दूर तक नहीं दिख रही है लोगों का सरकार पर से भरोसा लगभग उठ सा गया है।
पाकिस्तान के मध्यवर्गीय परिवारों को कहना है कि उनका भरोसा सरकार पर से पूर्णता उठ चुका है वह अपने दैनिक जरूरत को पूरा करने में असमर्थ होते जा रहे हैं उन्हें हर दिन यह निर्णय करना पड़ता है की दैनिक जरूर में से आज किस चीज का त्याग किया जाए। लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों के कारण यातायात के साधन महंगे होते चले जा रहे हैं जिस वजह से लोगों को अब बिजली और यातायात के किराए के बीच किसी एक चीज का चयन करना पड़ रहा है।
महंगाई इतनी बढ़ गई है कि दैनिक जरूरत है जैसे आटा, चावल, दाल जैसी दैनिक ज़रूरतें भी बहुत मुश्किल से प्राप्त हो रही है उन्हें यह चयन करना पड़ रहा है कि आज आटा खरीदे की चावल। ऐसे में ईद के त्यौहार का रंग थोड़ा फीका पड़ता नजर दिख रहा है, जिस त्यौहार में लोग पैसा खर्च करने से हिचकिचाते नहीं थे उसे त्यौहार में लोग बहुत मुश्किल से अपनी जेब से पैसे खर्च कर रहे हैं। पाकिस्तान में महंगाई से स्थिति यह है कि जिस त्यौहार में सेवइयां बहुत चाव से खाई जाती है उसे त्यौहार में सेवाया भी सुखी रह जा रही है।
IMF और बढ़ा सकता है मुश्किल:
आईएमएफ(IMF) के द्वारा दिया गया पाकिस्तान को ऋण यहां की गंभीर मुद्रास्थिति के कारण जल्द ही मुद्रास्फीति अर्थात महंगाई को और बढ़ा देगा।
एक वक्त था जब रमजान में पाकिस्तान के लोग 20000 पीकेआर खर्च करने की योजना बनाते थे लेकिन अभी स्थिति यह हो गई है कि लोग 2000 पीकेआर भी खर्च करने से कतरा रहे है ।