हेल्थ टिप्स क्या है बीएमआई, जानें क्यों 30 से ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स है खतरनाक

अगर आपका वजन ज्यादा है और आप मोटापे की समस्या से परेशान हैं तो आपको अपना BMI जरूर चेक करना चाहिए. क्योंकि 30 से ज्यादा बीएमआई सेहत के लिए खतरनाक होता है. यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है.

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Highlights
  • 25-30 बीएमआई ज्यादा वजन और 30 से ज्यादा बीएमआई मतलब आप मोटापे के शिकार हैं.
  • 30 से ज्यादा बीएमआई वालों में कुछ बीमारियों का खतरा रहता है.
  • अगर शरीर का वजन ज्यादा है तो उसका असर लिवर पर पड़ता है.

5th July 2023, Mumbai: आज के दौर में ज्यादातर बीमारियों का कारण फिजिकल एक्टिविटीज बिल्कुल न होना और मोटापा है. हेल्थ एक्सपर्ट वजन बढ़ने को सबसे ज्यादा गंभीर मान रहे हैं. वजन को दो तरीके से चेक करते हैं. पहला वेट मशीन से और दूसरा बीएमआई (Body Mass Index)…इसके जरिए बॉडी में फैट और वेट दोनों का पता लगाया जा सकता है. सामान्य से ज्यादा BMI खतरनाक हो सकता है. यह कई बीमारियों को दावत दे सकता है. इसलिए सावधान हो जाना चाहिए. 18-25 का बीएमआई नॉर्मल माना जाता है. 25-30  बीएमआई ज्यादा वजन और 30 से ज्यादा बीएमआई मतलब आप मोटापे के शिकार हैं. ऑनलाइन या कई दूसरे तरीकों से बीएमआई जाना जा सकता है. 30 से ज्यादा बीएमआई वालों में कुछ बीमारियों का खतरा रहता है. आइए जानते हैं…

ऑस्टियोआर्थराइटिस

जितना ज्यादा शरीर का वजन, जोड़ों पर उतना ही दबाव पड़ता है. इसकी वजह से हड्डियां और जोड़ कमजोर हो जाते हैं. इनकी वजह से घुटनों में दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस, कमर दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं. 25 या उससे ज्यादा बीएमआई है तो जोड़ों में कठोरता का खतरा रहता है. इसकी वजह से ऑस्टियोआर्थराइटिस  बढ़ सकती है. अगर घुटनों में पहले ही से समस्या है तो यह और खतरनाक हो सकता है.

फैटी लिवर

अगर शरीर का वजन ज्यादा है तो उसका असर लिवर पर पड़ता है. ज्यादा बीएमआई होने से लिवर में फैट जम सकता है. फैटी लिवर के चलते लिवर का काम प्रभावित हो सकता है और  सिरोसिस की समस्या भी हो सकती है. कुछ शोध के मुताबिक, फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे लोगों का वजन कम होने से यह समस्या ठीक हो सकती है.

कार्डियोमायोपैथी

हार्ट की मांसपेशियों की समस्याएं कार्डियोमायोपैथी से जुड़ी हैं. इसकी वजह से हार्ट सही तरह से ब्लड पंप नहीं कर पाता है. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, हाई बीएमआई की वजह से हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क भी बढ़ जाता है. इसकी वजह से कार्डियोमायोपैथी हो सकती है. इस बीमारी में हार्ट हार्ड और मोटा हो जाता  है. ऐसी स्थिति में शरीर के बाकी हिस्सों में ब्लड पंप नहीं हो पाता है और हार्ट अटैक का कारण बनता है.

इस तरह की समस्याओं में रहें सावधान

    • हाई कोलेस्ट्रॉल या डिस्लिपिडेमिया
    • टाइप-2 डायबिटीज।
    • धमनियों से जुड़ी बीमारियां
    • पित्ताशय की बीमारी
    • स्लीप एपनिया
    • सांस लेने में समस्या
    • चिंता या तनाव या मानसिक बीमारी
    • शरीर में दर्द
    • शारीरिक तौर पर काम करने में परेशानी
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