क्या आपने देखा है AI से कंट्रोल होने वाला फाइटर जेट? अमेरिका ने दिखाई झलक

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अमेरिका ने खास तरह तरह के फाइटर जेट की टेस्टिंग की है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कंट्रोल होने वाले F-16 फाइटर जेट का ट्रायल कैलिफोर्निया के रेगिस्तान में किया गया।

अमेरिका ने खास तरह तरह के फाइटर जेट की टेस्टिंग की है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कंट्रोल होने वाले F-16 फाइटर जेट का ट्रायल कैलिफोर्निया के रेगिस्तान में किया गया। पिछले महीने अमेरिकी सीनेट एप्रोप्रिएशन कमेटी ने डिफेंस पैनल के सामने इसकी घोषणा की थी।

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नया फाइटर जेट भविष्य में जंग का रुख बदलने की क्षमता रखता है। यह पहला ऐसा वॉर प्लेन है, जो अनमैन्ड है यानी जिसमें कोई इंसान नहीं बैठता। उम्मीद की जा रही है कि 2028 तक इसे सेना का हिस्सा बनाया जाएगा। यह फाइटर जेट अमेरिकी मिलिट्री के लिए बड़ा चेंजमेंकर साबित हो सकता है। हालांकि, इसके ट्रायल के साथ ही विरोध भी शुरू हो गया है। जानिए कैसा है नया एआई फाइटर जेट और कितना अलग है।

कैसे करता है काम

यह फाइटर जेट नई तकनीक से लैस है. इसे चलाने के लिए पायलट की जरूरत नहीं होती। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से चलाया जाता है। हालांकि, हालिया ट्रायल में अमेरिकी एयर फोर्स के सेक्रेटरी फ्रैंक केंडेल बैठे थे। अमेरिकी एयरफोर्स इस फाइटर जेट से उत्साहित है क्योंकि यह एआई की पावर से लैस है। इसका इस्तेमाल उन जगहों के लिए किया जा सकेगा जहां पर इंसान की जान को खतरा रहता है।

इस तरह वॉर मिशन में दुश्मन को सबक सिखाने के साथ इंसानों की मौतों को रोका जा सकेगा। हालांकि, इस फाइटर जेट में लगे ऑटोनॉमस वेपन सिस्टम ने सवाल खड़ा कर दिया है। भले ही इस पर सवाल उठ रहे हों लेकिन अगले कुछ सालों में ऐसे 1 हजार अनमैन्ड वॉरप्लेंस तैयार करने की तैयारी है।

मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस है

दावा किया गया है कि कैलिफोर्निया के एडवर्ड एयर फोर्स बेस से उड़ान भरने वाले इस फाइटर जेट की स्पीड ने धवनि की गति का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। यह टेस्ट पायलट जनरेशन का फाइटर जेट है, जिसे एआई एजेंट जंग के मैदान में इस्तेमाल करेंगे। यह रियल टाइम में कितना बेहतर काम करता है, इसे अमेरिकी एयर फोर्स के सेक्रेटरी फ्रैंक केंडेल ने देखा भी।

कहा जा रहा है कि मिलिट्री को एआई से जोड़कर सिक्योरिटी को बेहतर किया जा सकता है। दुश्मन के खिलाफ विशेष रणनीति बनाने के साथ पैसों की बचत भी जा सकती है। विस्टा मिलिट्री ऑपरेटर का कहना है कि अभी तक दुनिया के किसी भी देश के पास ऐसा एआई जेट नहीं है। इसके साॅफ्टवेयर में डाटा अपडेट किया गया है. इससे रियल टाइम में एक्शन लिया जाता है।

विपक्ष कर रहे है विरोध

अमेरिका में विपक्ष और आर्म्स कंट्रोल एक्सपर्ट्स इसका विरोध कर रहे हैं। आर्म्स कंट्रोल एक्सपर्ट्स और मानवाधिकार से जुड़े लोगों का कहना है कि इसको लेकर फिक्र करने की जरूरत है। उनका कहना है कि एआई एक दिन ऑटोमेटिकली बमों को गिराने में सक्षम हो जाएगा, जिसके लिए उसे किसी इंसान की परमिशन की जरूरत नहीं होगी। रेड क्रॉस की इंटरनेशनल कमेटी का कहना है कि सेंसर्स और सॉफ्टवेयर द्वारा इंसान की जान को लेकर फैसले करना मानव जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऑटोनॉमस वेपन को लेकर सतर्क होने की जरूरत है।

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