गुजरात HC का ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी के खिलाफ मानहानि केस में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार

गुजरात हाईकोर्ट ने 'मोदी उपनाम' टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।

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Highlights
  • राहुल गांधी को दोषी ठहराया
  • मामले की सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख तय की
  • पुनर्विचार करने की अपील की गई

7th July 2023, Mumbai: गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। इससे पहले राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिली थी । जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने उनके खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख तय की।

राहुल गांधी को दोषी ठहराया

लोकसभा चुनाव 2019 से पहले 13 अप्रैल को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ पर बयान दिया था। सूरत की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 23 मार्च को गुजरात में भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 मामले में राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराया और दो साल जेल की सजा सुनाई। 

पुनर्विचार करने की अपील की गई

इसके बाद 24 मार्च को राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई। 25 मार्च को राहुल गांधी ने माफी मांगने से इनकार कर दिया। 27 मार्च को सरकारी बंगला छोड़ने का नोटिस मिला। 22 अप्रैल को राहुल गांधी ने बंगला खाली कर दिया। सूरत सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली।  इसके बाद हाई कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की गई। 

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