गरुड़ पुराण के अनुसार भगवान विष्णु की ये 10 आदतें नकारात्मकता का कारण बनती है

हिंदू धर्म के ग्रंथ-पुराणों की अपनी विशेष महत्ता है. लेकिन गरुड़ पुराण को 18 महापुराणों में एक माना गया है, जोकि वैष्णव संप्रदाय से संबंधित है और इसके अधिकाष्ठा स्वयं भगवान विष्णु हैं.

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Highlights
  • शास्त्रों में भगवान विष्णु को सृष्टि का संचालनकर्ता माना गया है.
  • खतरनाक साबित हो सकते हैं ये 10 काम
  • गरुड़ पुराण के अधिकाष्ठा भी भगवान विष्णु ही हैं.

29th June 2023, Mumbai: शास्त्रों में भगवान विष्णु को सृष्टि का संचालनकर्ता माना गया है. गरुड़ पुराण के अधिकाष्ठा भी भगवान विष्णु ही हैं. इसमें भगवान विष्णु द्वारा जीवन और मृत्यु से जुड़े कई गूढ़ रहस्यों के बारे में बताया गया है.

गरुड़ पुराण ऐसा धार्मिक ग्रंथ है, जिसका पाठ आमतौर पर किसी की मृत्यु के बाद कराया जाता है. लेकिन इसी के साथ इसमें कर्म, पाप-पुण्य, नीति-नियम और ज्ञान के बारे में भी बताया गया है. क्योंकि व्यक्ति द्वारा किए पाप-पुण्य का प्रभाव ही उसके जीवन और मरने के बाद भी पड़ता है. इसलिए गरुड़ पुराण में बताई बातों का आत्मसात करने वाले सुखी जीवन जीते हैं और मरने के बाद ऐसे लोगों को सद्गति की प्राप्ति होती है. गरुड़ पुराण में ऐसे 10 कामों के बारे में बताया गया है, जिसे गलत माना गया है. इन कामों को करने वाले जीवन में कभी सुखी नहीं रहते और मरने के बाद सीधा नरक मार्ग चले जाते हैं.

ये 10 काम होते हैं खतरनाक

    • खुली आंखों से सूर्य देखना: कभी भी खुली आंखों से या सीधे आंखे मिलाकर सूर्य की ओर नहीं देखना चाहिए. इससे व्यक्ति की आयु कम होती है.
    • गलत कार्य करना: मनुष्य से गलती होना स्वाभाविक है. लेकिन गलत मार्ग को जानबूझ कर अपनाना या गलत काम करने को महापाप की श्रेणी में रखा गया है.
    • टूटे हुए बेड पर सोना: शास्त्रों के अनुसार टूटे हुए बेड या चारपाई पर सोने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.
    • ड़ों का अनादर करना: घर के बड़े-बुजुर्ग या माता-पिता का अनादर करने वाले लोग भी पाप के भागी होते हैं.
    • नास्तिक जीवन जीना: जो लोग धर्म और ईश्वर में विश्वास नहीं रखते और नास्तिक जीवन जीते हैं, उन्हें भी कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती है. ईश्वर पर विश्वास न करने का अर्थ है मानवता पर भरोसा न करना.
    • ब्रह्मचर्य का पालन न करना: अमावस्या, एकादशी, कृष्ण चतुर्थी, शुक्लपक्ष, हर माह की अष्टमी तिथि और विशेष दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करें.
    • ऐसे शीशे में चेहरा देखना: गरुड़ पुराण के अनुसार, गंदे या टूटे हुए शीशे को घर पर रखना या इसमें चेहरा देखना बहुत अशुभ माना गया है.
    • उधार लेना या देना: पैसों के अलावा कपड़े, घड़ी, जूते आदि कभी भी किसी से उधार नहीं मांगे और न उधार दें. ऐसा करने से दूसरे की नकारात्मकता आपके भीतर प्रवेश हो सकती है.
    • विश्वासघात करना: धोखा देना या विश्वासघात करने को घोर पाप माना गया है. ऐसे काम करने वालों के लिए नरक का रास्ता तय हो जाता है.
    • जीव हत्या: हिंदू धर्म में जीव हत्या को बहुत बड़ा पाप माना गया है. ऐसे लोग जो अपने स्वार्थ और संतुष्टि के लिए जीव हत्या करते हैं वह जीवन में कभी सुखी नहीं रहते और मरने के बाद नरक का दंड भोगते हैं.
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