08 June 2023,Mumbai: कोरोना वायरस को रोकने की चुनौतिपूर्ण स्थिति के बीच कृषि क्षेत्र के लिए सरकार को लॉकडाउन में नियमों के साथ ढील देनी पड़ी। सवाल छह महीने बाद आने वाली गेहूं की फसल को सहेजने का भी था। जिले में सोशल डिस्टेंसिंग की अनुपालना करवाने के लिए 172 गेहूं खरीद केंद्र बनाए गए। इन केंद्रों की मार्फत ना केवल किसानों का गेहूं समय पर खरीदा जा सकता है बल्कि अनावश्यक भीड़ से भी बचा जा सकता है। हरियाणा राज्य कृषि विपणन मंडल यदि तत्परता से काम करे तो किसानों का गेहूं विक्रय का मसला कोई मायने नहीं रखता। क्योंकि जिले में करीब 1.72 लाख हेक्टेयर गेहूं का रकबा होता है और उत्पादन करीब 5.80 लाख मीट्रिक टन होता है। पिछले सालों में स्थानीय उत्पादन से अधिक गेहूं की आवक का कारण पड़ोसी राज्यों से गेहूं का मंडियों में आना था। वह सारा गेहूं सरकारी रिकार्ड में चढ़ता रहा है। स्थानीय उत्पादन से लगभग दोगुना गेहूं मंडियों में आता था। चूंकि इस बार मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों का गेहूं ही सरकार खरीदेगी। इसलिए बाहरी गेहूं की यहां बिक्री की कोई गुंजाइश नहीं रही। स्थानीय गेहूं की खरीद को लेकर जो उहापोह की स्थिति बनी हुई है उसको लेकर इंतजामों पर किसानों ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बदइंतजामी की वजह से किसान परेशान हैं। मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों व खरीद एजेंसियों को तत्परता दिखानी चाहिये। बाक्स फोटो-301 कंबाइन उपलब्धता और मंडी में कैसे करें तालमेल कलवेहड़ी के रामवीर ने कहा कि ने कहा कि कुंजपुरा की अनाज मंडी में पहले दिन 20 अप्रैल को खरीद एजेंसी का मसला बना रहा। शाम तक गेहूं की तुलाई नहीं हुई। दिन भर किसान परेशान रहे। किसान दिन-रात खेत में पहरेदारी कर रहे हैं। किसी ने तूड़ी के गोदाम तो किसी ने जमीन पर तिरपाल बिछाकर गेहूं डाला हुआ है। जब मंडी से मैसेज आता है तो कंबाइन नहीं मिलती। जिनके पास जगह नहीं उनके लिए अनाज रखने की परेशानी है। बाक्स फोटो-302 कुछ राहत मिली है और भी पुख्ता हों व्यवस्थाएं चुंडीपुर गांव के किसान धर्मबीर सतीजा ने कहा कि यदि दस एकड़ गेहूं कटवाया तो किसान पूरा गेहूं मंडी में लाना चाहता है। अब सरकार ने छूट दे दी है कि अब 50 क्विंटल से ज्यादा भी ला सकते हैं। किसानों के पास अब संदेश आ रहे हैं। मंडियां ज्यादा बनी हैं तो इसके परिणाम भी अच्छे आएंगे। अधिकतर किसानों ने गेहूं काटकर रख ली है। जो किसान दिन-रात खेतों में अनाज की पहरेदारी कर रहे हैं उनका गेहूं जल्द से जल्द खरीदा जाना चाहिये। बाक्स फोटो-303 खरीद में देरी व मौसम खराब होने से बढ़ी दिक्कतें चुंडीपुर निवासी मजदूर रमेश कुमार ने कहा कि पंजाब में 15 अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू हो गई थी। हरियाणा में 20 अप्रैल से हुई है। जिस कारण किसानों ने गेहूं कटाई करवाकर खेत में तो किसी ने कहीं ढेरी लगाकर रख ली। मौसम व आगजनी का डर बना रहता है। मौसम का कोई एतबार नहीं। किसान फिराक में हैं कि मौसम साफ रहे और वह फटाफट गेहूं की कटाई का काम पूरा करवाएं। बाक्स फोटो-304 हालात को समझता है किसान नबीपुर गांव के किसान संजय कांबोज ने कहा कि किसान सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार चल रहे हैं। वह चाहते हैं कि कोरोना वायरस का फैलाव नहीं हो। मौसम खराब होने की वजह से गेहूं की कटाई रुकी है। आढ़तियों के पास लेबर नहीं और किसान इस विवशता को समझता है। मौसम साफ होने पर कटाई तेज होगी। ऐसे में समय रहते तमाम बंदोबस्त कर लिए जाने चाहियें ताकि समय से काम निपट जाएं। बाक्स करनाल जिले में कृषि विभाग के अनुसार गेहूं उत्पादन के पिछले सालों के आंकड़े वर्ष रकबा उत्पादन (हेक्टेयर) (हजार मीट्रिक टन) 2010-11 172 458 2011-12 165 501 2012-13 170 572 2013-14 162 570 2014-15 173 559 2015-16 172 528 2016-17 175 555 2017-18 174 661 2018-19 175 586 2019-20 160 580 2020-21 172 — बाक्स मौसम साफ हुआ तो खेतों में चली कंबाइन करनाल। तीन दिन बाद मंगलवार को मौसम साफ हुआ तो किसानों ने गेहूं की कटाई के लिए कंबाइन चला दी। चिंता के सताए किसान जस-तस करके गेहूं की कटाई करवाना चाहते हैं। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार 22 अप्रैल को बादल दिखाई दे सकते हैं। 23 को आंशिक बादल, 24 अप्रैल को मौसम साफ लेकिन दोपहर बाद आंशिक बादल की संभावना है। 25 अप्रैल को आमतौर पर मौसम साफ रहेगा। मंगलवार को करनाल में अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 15.0 डिग्री सेल्सियस रहा। आद्र्रता 70 प्रतिशत रही। सूर्यास्त का समय 6.52 बजे व बुधवार को सूर्योदय का समय 5.48 बजे है।