पश्चिम बंगाल में हाल की घटनाओं में, राज्य की कानून और व्यवस्था की स्थिति एक बार फिर जांच के दायरे में आ गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुबह-सुबह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के दो मंत्रियों के घरों पर छापा मारा। इस कार्रवाई ने राज्य के शासन और सुरक्षा पर व्यापक नतीजों और बहसों के साथ एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है।
ईडी ने उत्तर 24 परगना में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पार्टी से जुड़े दो मंत्रियों के आवासों को निशाना बनाया। यह छापेमारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) मामले के सिलसिले में की गई थी। हालांकि, ऑपरेशन योजना के अनुसार नहीं चला, जिससे पूरे दिन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की एक श्रृंखला सामने आई।
ईडी के बयान के अनुसार, उसके अधिकारियों को लगभग 800-1000 लोगों की भीड़ के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जो टीएमसी नेता के वफादार थे, जिनके घर की तलाशी ली जा रही थी। भीड़ ने ईडी के अधिकारियों पर हमला किया, जिससे तीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। भीड़ ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों के साथ हाथापाई की और उनके वाहनों में तोड़फोड़ की।
इस घटना ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है, जिसमें विभिन्न हितधारकों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और कार्रवाई की मांग की है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था के बिगड़ने का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है। दूसरी ओर, राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि वह अपने संवैधानिक विकल्पों का पता लगाएंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।
गवर्नर बोस ने अस्पताल में घायल ईडी अधिकारियों से मिलने के दौरान इस घटना को “चुनाव पूर्व हिंसा” करार दिया और सरकार को अपने मूल कर्तव्य को पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने संकेत दिया कि अगर सरकार इस संबंध में विफल रहती है, तो भारत का संविधान अपना काम करेगा।
हालांकि, टीएमसी ने ईडी पर जानबूझकर पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियों और बलों की ओर से उकसावा किया गया था, जो तृणमूल कांग्रेस की छवि को धूमिल करने के जानबूझकर प्रयास का सुझाव देता है।
इस घटना में विवाद के प्रमुख बिंदुओं में से एक राज्य की कानून और व्यवस्था की स्थिति है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य का जोरदार बचाव करते हुए कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी है। उन्होंने कुछ तत्वों पर लगातार पश्चिम बंगाल की छवि को धूमिल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है और कहा है कि वह बिना लड़ाई के नकारात्मक चित्रण को स्वीकार नहीं करेंगी।