दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब आम आदमी पार्टी (आप) के नेता खुद को कानूनी तूफान के बीच पाते हैं।

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब तक श्री केजरीवाल को नौ समन जारी किए हैं, जिनमें से सभी को उन्होंने यह तर्क देते हुए नजरअंदाज कर दिया है कि वे राजनीति से प्रेरित और अवैध हैं। आप नेता ने ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने की आशंका व्यक्त करते हुए सुझाव दिया है कि यह उन्हें आगामी लोकसभा चुनावों में प्रचार करने से रोकने के लिए एक रणनीति हो सकती है। उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में श्री केजरीवाल ने किसी भी दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा की मांग की है। उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि आप नेता ईडी के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं बशर्ते उन्हें गिरफ्तारी के खिलाफ आश्वासन दिया जाए।

अदालत की प्रतिक्रियाः साक्ष्य के लिए एक कॉल

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत के नेतृत्व में दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी से मामले में सबूत पेश करने को कहा है। इस निर्देश के बाद ईडी के अधिकारी सबूत वाली फाइल के साथ न्यायाधीश के कक्ष में पहुंचे। न्यायाधीश वर्तमान में फाइल की जांच कर रहे हैं और ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले पर आज कोई महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है। जिस मामले में केजरीवाल को तलब किया गया है, उसमें पहले ही दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों लंबे समय से जेल में हैं। हाल ही में ईडी ने इसी मामले में बीआरएस नेता कविता को भी गिरफ्तार किया था।

प्रभावः एक राजनीतिक कदम?

श्री केजरीवाल का उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब उन्हें नौवें समन के बाद आज, यानी 21 मार्च को पूछताछ के लिए उपस्थित होना था। यह एक रहस्य बना हुआ है कि क्या श्री केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश होंगे या नहीं।ईडी द्वारा जारी समन की अनदेखी को संभवतः अदालत की अवमानना के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, श्री केजरीवाल का कहना है कि समन अवैध और राजनीति से प्रेरित हैं। इस चल रही कानूनी लड़ाई ने राजनीतिक नेताओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। जबकि श्री केजरीवाल का दावा है कि समन एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं, जनता मामले की निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच का इंतजार कर रही है।

अगला कदमः अदालत के फैसले की प्रतीक्षा

चूंकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वर्तमान में ईडी द्वारा प्रदान किए गए साक्ष्य की समीक्षा करते हैं, इसलिए आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। यह निर्णय संभावित रूप से इस चल रही कानूनी लड़ाई की दिशा को बदल सकता है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इस मामले के महत्वपूर्ण राजनीतिक निहितार्थ हो सकते हैं। यदि श्री केजरीवाल को वास्तव में गिरफ्तार किया जाता है, तो यह आप के प्रचार प्रयासों को प्रभावित कर सकता है और संभवतः चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है।

-Daisy

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