दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने समन की वैधता पर सवाल उठाते हुए तर्क दिया है कि वे गैरकानूनी हैं।
केजरीवाल के खिलाफ मामला दर्ज
ईडी ने डीजेबी मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत समन जारी किया है। यह दूसरा मामला है जिसमें केजरीवाल को तलब किया गया है।
अरविंद केजरीवाल
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। ईडी की ओर से समन अवैध है। ईडी बार-बार समन क्यों भेज रहा है जबकि अदालत की जमानत पहले ही दी जा चुकी है? – आम आदमी पार्टी
डीजेबी का मामला क्या है?
डीजेबी का मामला डीजेबी द्वारा एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का अनुबंध देने में कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है। कंपनी पर अनुबंध को सुरक्षित करने के लिए धोखाधड़ी वाले दस्तावेज जमा करने का आरोप है। यह मामला सीबीआई की एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि डीजेबी के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश अरोड़ा ने तकनीकी योग्यता को पूरा नहीं करने के बावजूद एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को ठेका दिया था।
केजरीवाल के पिछले समन
दिल्ली के मुख्यमंत्री को इससे पहले इस मामले के संबंध में ईडी द्वारा आठ मौकों पर तलब किया जा चुका है, जिनमें से सभी पर वह पेश नहीं हुए हैं। इन घटनाओं के बाद, ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसके बाद उन्हें 16 मार्च को अदालत में पेश होना पड़ा। अदालत में पेश होने के बाद केजरीवाल को जमानत मिल गई। आप का तर्क है कि उन्हें ईडी द्वारा बार-बार तलब नहीं किया जाना चाहिए, जबकि उन्हें अदालत द्वारा पहले ही जमानत दी जा चुकी है।
समन पर AAP की प्रतिक्रिया
आप ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है और ईडी द्वारा जारी समन की वैधता पर सवाल उठाया है। पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए ईडी का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, “भाजपा ईडी के पीछे छिप रही है और चुनाव लड़ना चाहती है। दिल्ली पुलिस ने ईडी के सामने सीएम केजरीवाल की उपस्थिति की तैयारी की थी। आप समर्थक भाजपा कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर सकते थे। यह देखकर दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड पर थी। – आम आदमी पार्टी
मामले का प्रभाव
अदालत में चल रहे मामले और ईडी द्वारा बार-बार जारी किए गए समन के केजरीवाल और आप के लिए राजनीतिक निहितार्थ होने की संभावना है। पार्टी ने भाजपा पर अपने नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री का ईडी के सामने पेश होने से इनकार आप और केंद्र सरकार के बीच संघर्ष को संभावित रूप से बढ़ा सकता है। यह देखा जाना बाकी है कि ईडी के समन का पालन करने से केजरीवाल के इनकार पर अदालत क्या प्रतिक्रिया देगी। मामला अभी अदालत में लंबित है और आने वाले दिनों में सुनवाई होने की उम्मीद है।
ईडी के समन का पालन करने से केजरीवाल के इनकार ने आप और भाजपा के बीच चल रहे संघर्ष में एक नया अध्याय खोल दिया है। अदालती मामला अभी भी लंबित होने के कारण, यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह स्थिति कैसे विकसित होती है। चूंकि आप ईडी के समन की वैधता को चुनौती देना जारी रखे हुए है, इसलिए दिल्ली में राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण बने रहने की संभावना है।
-Daisy