डोंबिवली – सरकारने डोंबिवली एमआईडीसी में मानव जीवन के लिए हानिकारक खतरनाक कंपनियों को तुरंत बंद करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेने गुरुवार रात डोंबिवली एमआईडीसी में जली हुई अमुदान कंपनी का दौरा करने के बाद मीडिया से कहा कि जो लोग अपनी कंपनी में बदलाव नहीं करना चाहते उन्हें शहर के बाहर सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि पर स्थानांतरित होना पडेगा।
डोंबिवली मे हुए हादसे की शुरुआती जानकारी है कि रिएक्टर फट गया और हादसा हो गया। इस धमाके में आठ मजदूरों की मौत हो गई और 65 मजदूर घायल हो गए। इस विस्फोट से आसपास की छह कंपनियां प्रभावित हुई हैं। इन कंपनियों में कुछ मजदूर फंसे हुए थे। आपातकालीन टीमों ने उन्हें बचाने का जिम्मा उठाया है। पहले अम्बर केमिकल के नाम से जानी जाने वाली कंपनी अब अमुदान केमिकल के नाम से जानी जाती है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि इस कंपनी में पहले भी विस्फोट हो चुके हैं।
प्रदूषण नियंत्रण,औद्योगिक सुरक्षा और श्रम विभागों को राज्य में एमआईडीसी कंपनियों को अब ए, बी और सी के रूप में वर्गीकृत करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, इस श्रेणी के अनुसार कंपनियों को उस क्षेत्र में रखा जाए या नहीं, लोगों के जीवन को देखते हुए यह निर्णय लिया जाएगा। डोंबिवली एमआईडीसी में मानव जीवन के लिए हानिकारक अत्याधिक खतरनाक कंपनियों को तुरंत बंद किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, जो लोग अपनी कंपनी नहीं बदलना चाहते, उन्हें औद्योगिक शहर से बाहर सरकार द्वारा उद्योगों के लिए अधिग्रहीत जमीन पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
अमुदान कंपनी के बारे में कई शिकायतें थीं। कंपनी की आंतरिक चिझों का प्रदूषण नियंत्रण, औद्योगिक सुरक्षा, श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर निरीक्षण एवं निरीक्षण किया गया था या नहीं, इसकी उच्चस्तरीय जांच करायी जायेगी। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया कि इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।