CSK vs SRH : यूं ही नहीं कोई खिलाड़ी बनता महान करना पड़ता है खेल और खेल से जुड़े खिलाड़ियों का सम्मान।

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कल चेन्नईसुपर किंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच हुए मुकाबले में एक अजीब किस्सा देखने को मिला। चेन्नईसुपर किंग की परी का 19वाँ ओवर चल रहा था और इस टीम के सबसे दिग्गज और अनुभवी बल्लेबाजों में से एक रविचंद्र जडेजा बल्लेबाजी कर रहे थे। सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से तेज-दरार और धाकड़ गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार गेंदबाजी की कमान संभाल रहे थे। इसी ओवर में भुवनेश्वर कुमार ने एक इतना सटीक यॉर्कर मारा कि जडेजा उससे बार-बार बचे।

वह गेंद तो रोकने में सफल हो गए लेकिन गेंद रोकते ही वह रन लेने को दौड़े। और इस बीच तब तक गेंद भुनेश्वर कुमार के पास जा चुका था और जडेजा को रन लेते देख भुनेश्वर कुमार ने गेंद को विकेट की ओर फेंका जिसे देख जडेजा बचने के लिए वापस विकेट की ओर लौटे और इसी बीच थ्रो किया हुआ गेंद जडेजा के पीछे कमर पर जाकर लगी।

लेकिन यहा पर ध्यान देना वाली बात ये है की जडेजा ने गेंद को विकेट में लगने से बचा तो लिया लेकिन क्या ये खेल के नियमों के खिलाफ़ नहीं? ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड के नियम के अनुसार, अगर कोई बल्लेबाज थ्रो के दौरान विकेट के बीच में आता जाता है और टीम को लगता है कि बल्लेबाज ने ऐसा जानबूझ कर किया तो वह अपील कर सकती है। ऐसे में अंपायर वीडियो रिप्ले के बाद आउट या नॉट आउट का निर्णय देते हैं।

और जब इस केस में अंपायर थर्ड अंपायर के पास जा रहे थे तो सनराइजर्स हैदराबाद टीम के कप्तान पैट कमिंस ने अपनी अपील वापस ले ली। उन्होंने यह महसूस हुआ होगा कि जडेजा ने यह जानबूझकर नहीं किया बल्कि अपने विकेट को बचाने के लिए एक सामान्य प्रतिक्रिया थी और उस वक्त वहां पर कोई भी खिलाड़ी होता तो शायद अपने बचाव में ऐसा करता। इसलिए अपने निर्णय को वापस लेकर पैट कमिंस ने न सिर्फ जडेजा का सम्मान किया बल्कि पूरे खेल का सम्मान किया है ।

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