क्या कमजोर होने लगी चीन की अर्थव्यवस्था, डॉलर के मुकाबले सस्ता हुआ युआन

चीन का ग्रोथ आउटलुक 6% से घटाकर 5% हो गया है. 16 से 24 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी स्तर से 3-4 गुना है. ऐसे और भी कई उदाहरण हैं, तो क्या चीन की अर्थव्यवस्था कमोजर हो रही है.

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Highlights
  • चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की रिपोर्ट क्या कहती है
  • अचल संपत्तियों में निवेश की वृद्धि दर
  • युआन का डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर गिरना जारी

9th July 2023, Mumbai: अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलैन चीन ने अपनी चीनी यात्रा के पहले चीन की ‘अनुचित आर्थिक गतिविधियों’ का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वह चीन की तरफ से हाल के महीनों में अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ की गई दंडात्मक कार्रवाई से परेशान हैं.

बता दें कि हाल ही में चीन ने कहा था कि वो कंप्यूटर चिप के निर्माण में काम आने वाली दो अहम चीज़ों का निर्यात घटा देगा. वहीं अमेरिका ने कुछ एडवांस किस्म की चिप को चीन में एक्सपोर्ट करने से रोक लगा दी थी. पिछले महीने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन भी चीन पहुंचे थे.

हाल के इन घटनाक्रम को देखते हुए ये लग रहा है कि चीन और अमेरिका के बीच बिजनेस के क्षेत्र में दुशमनी बढ़ी है. इससे चीन की अर्थव्यवस्था में परेशानी बढ़ने के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं. अमेरिका की भी अपनी समस्याएं हैं. लेकिन चीन के लिए ज्यादा परेशान होने की बात है क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है.

जून में पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने दो बार ब्याज दरों में कटौती की. इडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों का कहना है कि चीन की जीडीपी में आने वाले समय में कमी आएगी. विश्लेषकों का कहना है चीन का ग्रोथ आउटलुक 6% से घटाकर 5% हो गया है.

चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की रिपोर्ट क्या कहती है

शहरी क्षेत्रों में युवा बेरोजगारी: यह मीट्रिक 16-24 आयु वर्ग के लोगों के बीच बेरोजगारी को देखता है. इसके मुताबिक 16 से 24 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी स्तर से 3-4 गुना है, और तेजी से बढ़ रहा है. मई में यह लगभग 21% था, इसका मतलब ये है कि 5 में से 1 चीनी युवा काम की तलाश में है और उन्हें अभी तक काम नहीं मिला है. 

औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि: साल की शुरुआत में चीन की विकास गति में रफ्तार पकड़ने की उम्मीद थी. यह एशियाई देशों में वैश्विक विकास के लिए जरूरी भी था. हालांकि, ऐसा हुआ नहीं.

अचल संपत्तियों में निवेश की वृद्धि दर: अचल संपत्तियों में ज्यादा निवेश से पता चलता है कि कंपनियां भविष्य में विकास की उम्मीद कर रही हैं. ये इस बात का भी संकेत है कि चीन में लोग बिजनेस क्षेत्र से पीछे हट रहे हैं. व्यवसाय तेजी से पीछे हट रहे हैं. साल मई में 4% की दर से अचल संपत्ति में निवेश बढ़ा है. 

खुदरा बिक्री की वृद्धि दर: चीनी नीति निर्माता अपनी अर्थव्यवस्था को एक ऐसी अर्थव्यवस्था में बदलने की कोशिश कर रहे हैं जो घरेलू उपभोक्ताओं पर ज्यादा चले, लेकिन आंकड़े ये बताते हैं कि मई में चीन की उपभोक्ता विकास दर मई में लड़खड़ा गई है. 

निर्यात की वृद्धि दर: निर्यात वृद्धि चीन की अर्थव्यवस्था के लिए एक पारंपरिक इंजन माना जाता रहा है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि निर्यात में भी कई पैमाने पर कमी आई है. आकड़े बताते हैं कि मार्च और अप्रैल में हुई रिकवरी मई में कायम नहीं रह सकी. 

आयात की वृद्धि दर: मजबूत घरेलू मांग के साथ बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं ज्यादा आयात करती हैं. चीन के आंकड़े से पता चलता है कि आयात में भी कई मौकों पर संकुचन हुआ है, जो कमजोर घरेलू मांग का संकेत देता है.

विनिर्माण क्षेत्र में क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई): पीएमआई का 50% से ऊपर होना ये बताता है कि विनिर्माण अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है.  50% से कम सिकुड़न को बताता है. चीन में यह निगेटिव जा रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस सिलसिले में अधिकांश विश्लेषकों का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था को राजकोषीय प्रोत्साहन की जरूरत है. दूसरे शब्दों में सरकार को आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए या तो ज्यादा खर्च करना होगा या करों में कटौती करनी होगी. लेकिन चीन में बार बार करों के ब्याज दरों में छेडछाड़ जारी है. 

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मंत्री ली  किंयाग ने गुरुवार को इसी सिलसिले में  आर्थिक स्थिति पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि “विकास को स्थिर करने, रोजगार सुनिश्चित करने और किसी भी खतरे से बचने के लिए लक्षित और समन्वित नीतिगत उपायों को समय पर पेश और लागू किया जाना चाहिए”.

युआन का डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर गिरना जारी

बता दें कि युआन कई महीने में अपने निचले स्तर पर गिर गया है. युआन के मुकाबले डॉलर और मजबूत होता जा रहा है. रॉयटर्स में छपी खबर के मुताबिक विश्लेषक चीन की अर्थव्यवस्था के और कमजोर होने की भविष्यवाणी कर रहे हैं. 

युआन जिसे रेनमिनबी भी कहा जाता है, इसकी कीमत मई में  7.0234 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. ऐसा कोविड 19 में पहले भी हो चुका है, लेकिन चीन कोरोना के बाद युआन की कीमत में सुधार होने की उम्मीद कर रहा था लेकिन नतीजे चीन को परेशान करने वाले हैं.

रॉयटर्स में छपी खबर के मुताबिक विदेशी धन ने चीन के बाजारों को छोड़ दिया है, इसी वजह से चीनी मुद्रा जनवरी के अंत से डॉलर के मुकाबले 4% गिर गई है.

रॉयटर्स में छपी खबर के मुताबिक नोमुरा और सोसिएट जेनरेल के विश्लेषकों का कहना है कि युआन में जल्द ही 7.3 की दर से गिरावट आएगी. सोसिएट जेनरेल के प्रमुख एशिया मैक्रो रणनीतिकार कियोंग सियोंग का कहना है कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापक मौद्रिक नीति में उतार-चढ़ाव आया है. इस वजह से चीन की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई और युआन कमजोर हो रहा है.

चीन की अर्थव्यवस्था कमजोर होने के 3 कारण

चीन का प्रॉपर्टी मार्केट: चीन में रियल एस्टेट पर कोरोना के बाद गहरा असर पड़ा है. इसने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है , चीन में रियल एस्टेट का संपत्ति और अन्य उद्योग में बड़ा योगदान है, चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक तिहाई तक हिस्सा यही है.

जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से लगातार मौसम बदल रहा है, इसका असर चीन के उद्योगों पर स्थायी रूप से पड़ा है. अगस्त 2022 में दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सिचुआन और मध्य क्षेत्र के चोंगकिंग शहर में भीषण लू के बाद सूखे की स्थिति पैदा हो गई थी. 

जैसे-जैसे एयर कंडीशनिंग की मांग बढ़ी, इसने एक ऐसे क्षेत्र में बिजली ग्रिड पर भी असर डाला.  

आईफोन निर्माता फॉक्सकॉन और टेस्ला जैसे प्रमुख निर्माताओं सहित कारखानों को बिजली में घंटों की कटौती करना पड़ा. इससे कारखानों को बंद रखने की भी नौबत आई. 

चीन के सांख्यिकी ब्यूरो ने अगस्त 20222 में कहा था कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2022 के पहले सात महीनों में सिर्फ लोहा और इस्पात उद्योग में मुनाफा 80% से कम था. 

टेक दिग्गज में निवेशकों की कमी: चीन के कई टेक दिग्गजों पर एक नियामक कार्रवाई की गई. इसमें टेनसेंट और अलीबाबा ने हाल ही में राजस्व में गिरावट दर्ज की. टेनसेंट का मुनाफा 50% गिर गया. जबकि अलीबाबा की कुल आय आधी हो गई. 

इस वजह से हजारों युवा श्रमिकों ने अपना  काम खो दिया. इससे चीन में नौकरियों का संकट बढ़ गया है. 16 से 24 वर्ष की आयु के पांच लोगों में से एक बेरोजगार है. यह लंबे समय में चीन की उत्पादकता और विकास को नुकसान पहुंचा सकता है. इसका असर अभी से दिख रहा है.

दूसरी तरफ अमेरिका भी अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड चीनी कंपनियों पर लगातार नकेल कस रहा है.

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