आज नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA)द्वारा आयोजित सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUET ) की परीक्षा का पहला दिन है, देश भर में तमाम केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया गया है, जानकारी के मुताबित बुधवार 15 मई को सुबह 10 बजे से परीक्षाएं शुरु होनी थी जिसका आज पहला दिन था, केंद्र में रिपोर्टिंग टाइम 8 बजे से था जिसके अनुसार छात्रों का आना सुबह 7 बजे से ही शुरू होगया था, मन में परीक्षा का थोड़ा भय तो आंखों में नई शुरुआत की उत्सुकता के भाव को लिए छात्र आ पहुंचे अपने तय परीक्षा केंद्र पर,लेकिन यहां आते ही उन्हें पता लगा की उनसे से इतनी शुल्क लेने के बाद भी केंद्रों में उनके के समान को रखने की कोई व्यवस्था नहीं है उनके मोबाइल फोन तक को रखने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, छात्र सुबह से अपने शहर से दूर गाँव से दूर केंद्रों में परीक्षा देने आए हैं अब घर से दूर आए हैं तो साथ में समान का होना जाहिर है, छात्रों का कहना है की वो घर से सैकड़ो किलोमीटर दूर परीक्षा देने केन्द्र पर पहुंचे तो वहां मौजूदा अधिकारयों ने उन्हें बैग और मोबाइल के साथ प्रवेश करने से रोक दिया और रोकते हुए बोले केंद्र में बिना बैग और फोन के ही प्रवेश मिलेगा छात्रों ने जब पूंछा की वह अपना समान कहां रखेंगे तो उन्होंने यह कहते हुए बात टाल दी की यह हमारी जिम्मेदारी नहीं, छात्रों का कहना है की इस वर्ष उनसे 300 रुपए प्रति विषय के हिसाब से शुल्क ली गई है पर हमारे लिए व्यवस्थाएं उचित नहीं की गई है, अब प्रश्न यह है की जब इतनी शुल्क परीक्षा के लिए छात्रों से ली गई है तो आखिर क्यूं केंद्र उनके समान को रखने से मना कर रहे हैं? आखिर छात्रों के द्वारा दी गई शुल्क कहां गई? क्या उनसे ली गई शुल्क उनकी व्यवस्था के लिए नहीं थी? अगर नहीं थी तो वह शुल्क कहां गई? उसका इस्तेमाल किसमें हो रहा? आखिर कौन है इसका जिम्मेदार? जवाब दे यूजीसी और nta और आने वाले दिनों में छात्रों लिए उचित व्यवस्था की जाए.
ऋषि राज शुक्ल