बात करें तीसरे विश्व युद्ध की,तो ऐसे संभावनाएं जताई जा रही है कि दो महादेशों के बीच युद्ध छिड़ सकती है। अब तक आपने ईरान और इजरायल को युद्ध करते देखा है और दोनों में युद्ध के कारण काफी नुकसान भी हुआ है परंतु तीसरे विश्व युद्ध का ईरान और इजरायल का कोई वास्ता नहीं है। आखिर कौन है दो महादेश जो एक दूसरे से भीड़ सकते हैं, तो आइए जाने..
आपको बता दे 13 अप्रैल को ईरान,इजरायल पर हमला किया और वह भी ड्रोस और मिसाइलो से,साथ ही साथ फायरिंग भी की। इन सभी चीजों को देख लोग यह संभावनाएं जाता रहे हैं कि तीसरा विश्व युद्ध बहुत जल्द ही हो सकती है। ऐसा भी बताया जा रहा है कि तीसरा विश्व युद्ध तबाही का सबसे बड़ा छाप छोड़ेगा। सुरक्षा विभाग से पता चला है की इसकी शुरुआत दो महादेशों से हो सकती है।
आप करीब करीब दो वर्षों से देख रहे हैं कि रूस- यूक्रेन, चीन-ताइवान,इजरायल-फिलिस्तीन,अन्य इस्लामीक देश एक दूसरे से युद्ध की। देखा जाए तो रुस और यूक्रेन के युद्ध तो अब तक चल हि रही है। दोनों के बीच सामंजस बैठाना मुश्किल है। लगातार युद्ध के कारण वैश्विक व्यापार को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है,इतना ही नहीं लाल सागर,अदन की खाड़ी और अरब सागर में व्यापारिक जहाजों को जप्त कर उसे अपने हथियारों से नुकसान पहुंचा दिया जा रहा। ऐसा चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब तीसरा विश्व युद्ध होगा,और इसका नुकसान सभी देशों को चुकाना पड़ेगा।
क्या तीसरा विश्व युद्ध की शुरुआत अमेरिका और चीन से होगा?
ऐसे तो चीन शुरू से ही किसी क्षेत्र को कब्ज़ा करने में और उसे अपना बताने में महारत हासिल की हुई है। वह अपने देश से सटे सभी देशों अपना अधिकार दिखाता है। चीन ऐसे अपने कई विवादों में शुरू से ही खबरें में बना रहता है। बात करें चीन की सीमा की,तो 14 देश से उसकी सीमा भारत-पाकिस्तान,अफगानिस्तान,ताजिकिस्तान रूस,उत्तर कोरिया,वियतनाम,लॉस,म्यांमार और भूटान,नेपाल इन सभी देशों से चीन की सीमा लगती है। बात करें चीन के कब्जे की तो छ देश को अपना होने का अधिकार जताता है इसमें शामिल देश इनर मंगोलिया,तुर्किस्तान,ताइवान, हॉन्ग कोंग,मकाउ और तिब्बत जैसे देश शामिल है। इन सभी देशों को चीन अपनी मैप चार्ट में भी दिखता है। अब चीन अरुणाचल प्रदेश को भी अपना देश बताता है,उसके द्वारा दिया गया यह स्टेटमेंट से भारत ने चीन को करारा जवाब दिया।
चीन अपनी आर्मी के साथ दक्षिणी चिन सागर और पश्चिमी फिलिपी सागर तथा अन्य द्वीप पर अपना अधिकार करना शुरू कर दिया है।
कब तक छीड़ेगा दो देशों के बीच युद्ध
जीस दिन चीन ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश करेगा,संभवत उस समय हमले भी होंगे। तब अमेरिका ताइवान की मदद के लिए मैदान में उतरेगा। फिर ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी की चीन अपने मित्र देश रूस,पाकिस्तान,उत्तर कोरिया अन्य इस्लामिक देश के साथ मिलकर युद्ध लड़ेगा। फिर हर तरफ युद्ध का माहौल बना रहेगा। बता दे बहुत से देश और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इसे रोकने का प्रयत्न कर रही है। इस तरह के स्थिति उत्पन्न न हो इन सब चीजों पर विशेष बल दिया जा रहा है।