अमेरिकी NSA बोले- रूस और चीन को डराने के लिए हमें परमाणु जखीरा बढ़ाने की जरूरत नहीं ।

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5th June 2023, Mumbai: रूस और चीन जैसे प्रतिद्वंद्वियों को डराने के लिए अमेरिका को अपने परमाणु शस्त्रागार का आकार बढ़ाने की जरूरत नहीं है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने शुक्रवार (2 जून) को यह बात कही. हालांकि अमेरिका ने परमाणु हथियार नियंत्रण ढांचे के बारे में रूस के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की है.

सुलिवन ने आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन को बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका को प्रतिद्वंद्वियों की संयुक्त कुल संख्या को पार करने के लिए परमाणु बलों को बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है. गौरतलब है कि पुतिन ने फरवरी में घोषणा की थी कि वह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर वाशिंगटन और मॉस्को के बीच गहरे तनाव के बीच परमाणु हथियार और मिसाइल निरीक्षण के लिए न्यू स्टार्ट संधि के प्रावधानों के तहत रूसी सहयोग को रोक रहे हैं. हालांकि, रूस ने कहा कि वह परमाणु हथियारों पर संधि की सीमा का सम्मान करेगा. इस संधि का उद्देश्य परमाणु हथियारों की संख्या को 1,550 तक सीमित करना था.

जेक सुलिवान ने कहा कि हमारे सभी द्विपक्षीय मतभेदों को हल करने की प्रतीक्षा करने के बजाय संयुक्त राज्य अमेरिका परमाणु जोखिमों का प्रबंधन करने और 2026 के बाद के हथियार नियंत्रण ढांचे को विकसित करने के लिए अब रूस को शामिल करने के लिए तैयार है.

पुतिन ने समझौता निलंबित करते हुए क्या कहा था?
यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के एक साल होने पर देश की जनता को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि अमेरिका के साथ न्यू स्ट्रैटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी से रूस अपनी भागीदारी निलंबित कर रहा है. इसे ‘न्यू स्टार्ट परमाणु संधि’ के नाम से भी जाना जाता है.

चीन के पास हैं 410 परमाणु हथियार
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के एक वार्षिक सर्वे के अनुसार, चीन के पास अब लगभग 410 परमाणु हथियार हैं. एक अनुमान के अनुसार, चीन के हथियारों की संख्या दशक के अंत तक बढ़कर 1,000 और 2035 तक 1,500 हो सकती है.

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