स्वीडन में कुरान जलाए जाने के बाद आतंकी संगठन ने कहा- बदला लेंगे… पाकिस्तान के ईसाई खौफ में, चर्च ने सुरक्षा की मांग की

स्वीडन में कुरान जलाये जाने के बाद सुन्नी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-झांगवी ने ईसाइयों पर आत्मघाती हमले कर बदला लेने का आह्वान किया है. जिससे लोग डरे हुए हैं.

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Highlights
  • ईसाई समुदाय ने की कुरान जलाये जाने की निंदा 
  • फादर ने यूसीए समाचार को बताया कि कुरान जलाना बंद होना चाहिए
  • बकरीद के मौके पर स्वीडन में जलाए गए कुरान को लेकर शुरू हुआ विवाद

6th July 2023, Mumbai: बकरीद के मौके पर स्वीडन में जलाए गए कुरान को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस घटना के बाद दुनिया भर में इस्लाम समुदाय के लोग भड़के हुए हैं. साथ ही अन्य समुदाय के लोग खौफ में हैं. ऐसे में पाकिस्तान में चर्च ने सुरक्षा की मांग की है. इस बात की जानकारी यूसीए समाचार एजेंसी ने दी है. 

दरअसल, पाकिस्तान के कैथोलिक बिशप सम्मेलन के दौरान एक अधिकारी ने कहा कि सुन्नी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-झांगवी ने ईसाइयों पर आत्मघाती हमले करके बदला लेने का आह्वान किया है. आतंकवादी समूह ने कहा है कि वहां की घटना पाकिस्तान के ईसाई धर्म को नरक बना देगा. ऐसे में अधिकारियों को बेहद सतर्क रहने की जरुरत है.

ईसाई समुदाय ने की कुरान जलाये जाने की निंदा 

बिशप आयोग के कार्यकारी निदेशक नईम यूसुफ गिल ने कहा कि पाकिस्तान का ईसाई समुदाय स्वीडन में कुरान के अपमान की निंदा करता है. उन्होंने कहा कि एक धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में हम भाईचारे और शांति से रहते हैं और हमने हमेशा बहुसंख्यकों का समर्थन किया है. उन्होंने आगे कहा कि हम संवेदनशील कानूनों का उल्लंघन करने की कल्पना नहीं कर सकते.

फादर ने की खास अपील 

इस बीच 3 जुलाई को, कमीशन फॉर इंटरफेथ डायलॉग एंड इकोमेनिज्म के फैसलाबाद डायोकेसन निदेशक फादर खालिद रशीद ने मदीना टाउन में पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की, जहां लगभग 4,000 ईसाई रहते हैं.  इस दौरान उन्होंने सबसे कहा कि आप सभी को अपने संबंधित पुलिस स्टेशनों से संपर्क करना चाहिए. फादर ने यूसीए समाचार को बताया कि कुरान जलाना बंद होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सभी को पवित्र पुस्तकों का सम्मान करना चाहिए और शांति और सद्भाव की संस्कृति के लिए प्रयास करना चाहिए.

2009 में हुए दंगे को याद किया 

फादर ने 2009 में पंजाब प्रांत में हुए हिंसे को याद किया जब ईसाईयों को निशाना बनाया गया था. तब कुरान की एक प्रति के अपमान के आरोप में लश्कर-ए-झांगवी समर्थकों ने ईसाई घरों पर हमला किया था, जिसमें 10 कैथोलिक मारे गए थे.

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