14 जून 2023, मुंबई : दिवालिया होने की दृष्टी पर पहुंचे पाकिस्तान (पाकिस्तान) ने अब भारत की तरह रूस (रूस) से सस्ता कच्चा तेल मंगाना शुरू कर दिया है। ये रूसी तेल उसे चीन (चीन) कहने पर मिल रहा है। और पाकिस्तानी विदेश मंत्री मुसादिक मलिक ने बताया कि तेल की खरीदारी चीनियों से हो रही है। अब सवाल उठता है कि पाकिस्तान ने रूस से तेल लेने के लिए चीन की करंसी ‘युआन’ क्यों इस्तेमाल की।
पाकिस्तान की शाहबाज सरकार का दावा है कि वे रूस से जो तेल खरीद रहे हैं, वे उनके मुल्क में स्काई छूती तेल के दस्तावेजों में गिरावट आएंगे, लेकिन विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं दिख रहे हैं। इसकी एक वजह यह है कि अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व वाले एक शेयर स्वामित्व साझेदारी में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। दरअसल, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर पर्याप्त नहीं बचते हैं, वहां के केंद्रीय बैंक द्वारा रखे गए विदेशी मुद्रा भंडार को मुश्किल से 4 सप्ताह के नियंत्रण आयात को कवर करने से बचा सकते हैं। ऐसे में सस्ते रूसी चार्ट तेल के अपने पहले सरकार-से-सरकार इंपोर्ट के लिए पाकिस्तान ने चीनी करंसी में भुगतान किया।
इस साल की शुरुआत में हुई थी डील रॉ
अंडर अंडर रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल की शुरुआत में मैक्सिको और मैक्सिको के बीच एक नई डील के तहत रूस से डिसकाउंट के मिले रिपोर्ट तेल की पहली खेप रविवार, 11 जून को कराची पहुंचती है। अभी उसे कराची के बंदरगाह पर नौकायन किया जा रहा है। अभी भी पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक ने कीमत या पाकिस्तान को मिलने की छूट सहित डील के विवरण का खुलासा नहीं किया, लेकिन ये जरूर बताया कि रूस को चाइनीज करंसी में कर दिया गया था।
इस डील से रूस को फायदा हो रहा है
मुसादिक मलिक ने कहा कि रूस के साथ पाकिस्तान की सरकार से सरकार तक की पहली डील में 100,000 टन तेल की खरीद शामिल है, जिसमें से 45,000 टन तेल समुद्री जहाज से कराची बंदरगाह पर पहुंचा है। पाकिस्तान ने इस तेल की खरीद को अप्रैल में हामी भरी थी। और, ये खरीद मास्को को भारत और चीन की बढ़ती बिक्री में जोड़ने के लिए एक नया आउटलेट देता है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी देशों को प्रतिबंध से राहत मिलती है।