आम बजट आ गया है। उस बजट का कहीं समर्थन तो कहीं विरोध हो रहा है। आम बजट के इतिहास पर नजर डाले तो दिखेगा कि मोदी सरकार से पहले का बजट में घोषणाएं हजार तो जमीन पर मात्र सौ उतरता था। परंतु मोदी सरकार की बजट हजार है तो उसमें 800 जरूर जमीन पर नजर आ जाएगा। आप ऐसे समझ सकते हैं की किसी गरीब भीख मांगने वाले को ₹5 ₹10 देकर विदा कर देते हैं तो आप समझ लें कि उन्हें तो आज खुश कर दिया। परंतु वह कल फिर मांगने आएगा। लेकिन जब उस मांगने वाले को 500 , 1000 देकर कोई दुकान खोल कर बैठा देते हैं तो समझे उनका सदा के लिए आप मदद कर दिए हैं। ठीक उसी तरह पहले का बजट गरीबों को गरीब ही रखता था। परंतु आज का बजट गरीब को खुद को सक्षम बनाने वाला बजट बना रहा है। पहले लोक लुभावना वोट बैंक, वाला बजट बना रहे थे। तो सभी को दिख जाता था। आज स्थाई निदान वाला बजट सभी नहीं समझ पा रहे हैं। जिस तरह दवा खाने के समय बुरा लगता है लेकिन कुछ समय के बाद बीमारी ठीक होने पर दवा का कड़वा गुण समझ आता है।
बात विपक्ष की करें तो उसे कैसा भी बजट आ जाए वह समर्थन नहीं कर सकता है। मोदी जी दिन को यदि दिन कह दे तो कांग्रेस उसे रात कहने पर मजबूर हो जाएगा। क्योंकि वर्ष 2024 बजट को राहुल गांधी एवं पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम जी ने आरोप लगाया है कि यह बजट कांग्रेस बजट का नकल है। फिर भी अपने बजट नकल का विरोध करने पर मजबूर है। क्योंकि यह बजट मोदी का बजट है। इसीलिए कहा गया है भैंस यानी अज्ञानी के आगे बीन बजाना बेकार है। जो समझदार ज्ञानी है उसे मोदी बजट का झलक दिख रहा है। जम्मू कश्मीर, लद्दाख, पूर्वी भारत की विकास रेल, सड़क, सेना हथियार निर्माण पहाड़ी क्षेत्रों में सीमा पर यातायात भारत आयात से निर्यात की ओर बढ़ना आदि मुख्य विकास की प्रमाण है। किसानों का तीन कानून भले ही विपक्ष खत्म करवा दिया है। फिर भी किसानों की बजट में जितना मोदी सरकार ने पैसा लगा दिया है शायद कांग्रेस जीवन की सारी बजट भी उतना नहीं दे सका है। मोदी जी गरीबों को मांगने वाला नहीं उसे सक्षम बनाना चाहते हैं। ऐसा बजट कोई अर्थशास्त्री ही समझ सकता है। विरोधी को विरोध करने के लिए कोई कमी तो मिल ही जाएगा। जैसे श्री राम जी का विरोध करने के लिए धोबी को एक मुद्दा मिल गया था। परंतु उससे श्री राम जी की महत्व में कोई कमी नहीं आई थी। एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की खामियां निकालने के लिए कुछ कारण नहीं मिला तो उसने कह डाला आज तूने सांग में हल्दी नहीं डाली है। पत्नी का जवाब था आप कमी खोजते रहो परंतु साग में हल्दी नहीं डाली जाती है। अतः विपक्ष कमी खोजते रहे। मैं इस बजट का पूर्ण समर्थन करता हूं