वैसे तो हिंदू धर्म में अमावस्या को विशेष दिन का दर्जा प्राप्त है इसे पितरों के शांति और तर्पण के लिए माना जाता है। परंतु चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है और अगर यह अमावस्या सोमवार या शनिवार को हो तो उसकी विशेषता और अधिक बढ़ जाती है। इस बार यह अमावस्या 8 अप्रैल यानी कि आज सोमवार को है और सोमवार के दिन होने के कारण ही इसे सोमवती अमावस्या के नाम दिया गया है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है इसके साथ-साथ पितरों का तर्पण भी किया जाता है उपासक को भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना से सुख शांति और धन में वृद्धि मिलती है इसके साथ ही व्रती को अखंड सौभाग्य और खुशहाली प्राप्त होती है। ज्योतिषाचार्य पंडित अरुण त्रिपाठी के अनुसार सोमवती अमावस्या करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दूर होती है आर्थिक तंगी
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव का महामृत्युंजय जाप किया जाता है इसके साथ ही भगवान शिव का जलाभिषेक भी किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो इन नियमों के फल स्वरुप आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में धन का मार्ग खुलने लगता है।
ब्रह्म मुहूर्त में लगेगी अमावस्या और रात 11:50 को समाप्त होगी
अमावस्या तिथि का प्रारंभ 8 अप्रैल को सुबह ब्रह्म मुहूर्त यानी की 3:21 से होगा और इसका समापन रात को 11:50 पर होगा।
स्नान दान को माना जाता है विशेष
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान को बहुत ही विशेष माना जाता है इसलिए आज सुबह से ही हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार सोमवती अमावस्या का स्नान बहुत ही दुर्लभ संयोग के साथ पड़ा है। इंद्र योग में इस दिन स्नान दान करने से पितृ तो प्रसन्न होंगे ही उसके साथ-साथ उनका आशीर्वाद भी बना रहेगा। ज्योतिषाचार्य विकास जोशी के अनुसार यह इंद्र योग शाम 6:14 तक रहेगा। और स्नान दान के लिए शुभ समय सुबह 4:55 से सुबह के 6:30 तक रहेगा।
होती है हर मनोकामना पूर्ण
सोमवती अमावस्या के दिन ऐसा माना जाता है कि समस्त शिव परिवार और माता लक्ष्मी को खीर का भोग चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है।