यूपी बिहार के बलथरी चेक पोस्ट पर गोपालगंज के कुचायकोट थाने के पुलिस ने एक कार से 8774 सिम कार्ड और 18000 नेपाली करेंसी ज़ब्त किया था। चुनाव से पहले पुलिस वाहन जांच अभियान चला रही थी। जिस कार से यह सिम कार्ड बरामद किया गया है वह एक बांग्लादेशी नंबर की कार है। पुलिस का ऐसा मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले कुछ साजिश फैलाने की कोशिश की जा रही है। जांच में यह बात सामने आई कि दिल्ली से फ्लाइट से गोरखपुर एयरपोर्ट सिम कार्ड लाया गया था उसके बाद पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से नेपाल से आए तीन युवकों ने सिम कार्ड को रिसीव किया था। आर्थिक अपराध इकाई और बिहार एटीएस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
गिरफ्तार युवकों ने अपना संबंध पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालिया चौक थाना क्षेत्र के निवासी के रूप में की है। गिरफ्तार युवकों की पहचान 24 वर्षीय मोहम्मद असमाउल शेख, 34 वर्षीय मोहम्मद इकबाल हुसैन और 39 वर्षीय नूर आलम के रूप में की गई है। लेकिन इसकी भी जांच चल रही है क्योंकि पुलिस को शक है कि दोनों युवक बांग्लादेशी भी हो सकते हैं। गोपालगंज के एसीपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि जांच एजेंटीयों द्वारा जिस प्रकार की मदद मांगी जाएगी पुलिस उनकी पूरी तरह से सहयोग करेगी।
नेपाल के काठमांडू से किया जा रहा है नेटवर्क ऑपरेट
जांच में पता चला कि सिम कार्ड को नेपाल की राजधानी काठमांडू से ऑपरेट किया जा रहा है। जब्त हुए सिम कार्ड में से कुछ सिम कार्ड चालू है जबकि कुछ अभी बिल्कुल नया है। सुरक्षा जांच एजेंसियों को आशंका है कि इसके पीछे दुश्मन देश चीन का भी हाथ हो सकता है।गिरफ्तार युवकों ने पुलिस की पूछताछ में साइबर फ्रॉड में सिम कार्ड का इस्तेमाल होने की बात बताई है परंतु पुलिस इसकी अभी जांच कर रही है। सिम कार्ड का कनेक्शन दिल्ली से भी जुड़ने की बात सामने आई है। पुलिस की एक टीम दिल्ली के उसे ठिकाने पर पहुंची है जहां से सिम कार्ड की डिलीवरी की गई थी।
लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन भी हुआ है
पुलिस को अपने जांच में पता चला कि बरामद हुए मोबाइल फोन में लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन भी हुआ है। हालांकि यह अभी साफ नहीं हुआ है कि इस साजिश में कितने लोग जुड़े हुए हैं और किस मकसद से इतनी सिम कार्ड को भारत लाया गया है। सुरक्षा जांच एजेंसी और पुलिस पूरी गहनता के साथ इस मामले मे छुपे हुए रहस्य को बाहर निकलने में जुटी हुई है