कांग्रेस ने बिहार और ओडिशा के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए अहम बैठक की

भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक संस्थाओं में से एक कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में बिहार और ओडिशा में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची तय करने के लिए अहम बैठक की।

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अहम उम्मीदवारों की पहचान

एक अहम घटनाक्रम में, कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने कटिहार से वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर और बिहार के किशनगंज से मौजूदा सांसद मोहम्मद जावेद की उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी है। ये घटनाक्रम पार्टी की अभियान रणनीति में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाते हैं।

देश की राजधानी नई दिल्ली के मध्य में हुई इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और पार्टी के महासचिव के सी वेणुगोपाल शामिल हुए।  सीईसी के अन्य प्रमुख सदस्य जैसे अनुभवी नेता अंबिका सोनी, मधुसूदन मिस्त्री और सलमान खुर्शीद भी बैठक में उपस्थित थे।

बिहार: एक महत्वपूर्ण राजनीतिक युद्धक्षेत्र

बिहार की सीटों के लिए विचार-विमर्श विशेष रूप से महत्वपूर्ण था। राज्य इकाई के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह और राज्य के एआईसीसी प्रभारी मोहन प्रकाश अपने विचार साझा करने के लिए मौजूद थे।

बैठक मुख्य रूप से बिहार की तीन सीटों – किशनगंज, कटिहार और भागलपुर पर चर्चा के इर्द-गिर्द घूमती रही। बैठक से जुड़े सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय लिया गया कि मोहम्मद जावेद और तारिक अनवर क्रमशः किशनगंज और कटिहार के लिए संभावित उम्मीदवार होंगे। मोहम्मद जावेद वर्तमान में किशनगंज से सांसद के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।

बिहार में कांग्रेस की गठबंधन रणनीति

बिहार के लिए कांग्रेस पार्टी की रणनीति में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सहित राज्य में अपने सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे के समझौते को भी ध्यान में रखा गया। आरजेडी 26 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है, जो 2019 के चुनावों में इसकी सीटों की संख्या से काफी अधिक है।  कांग्रेस पार्टी ने अपनी पिछली गिनती को बरकरार रखते हुए नौ सीटें हासिल की हैं। सीपीआई (एमएल) लिबरेशन, सीपीआई और सीपीआई (एम) को भी सीट-बंटवारे के समझौते के अनुसार सीटें आवंटित की गई हैं। कांग्रेस को आवंटित सीटों में बिहार का एकमात्र मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र किशनगंज और कटिहार शामिल हैं, जहां वरिष्ठ नेता अनवर को 2019 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। गौरतलब है कि अनवर ने 2014 के चुनावों में एनसीपी के टिकट पर इस सीट से जीत हासिल की थी। ओडिशा: कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य सीईसी ने ओडिशा के उम्मीदवारों पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया और कुछ सीटों के लिए उम्मीदवारों को अंतिम रूप दिया। इन चर्चाओं के दौरान AICC ओडिशा प्रभारी अजय कुमार और ओडिशा कांग्रेस प्रमुख शरत पटनायक मौजूद थे।

कांग्रेस की चुनाव तैयारियाँतैयारियाँ

कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले सीईसी की कई दौर की बैठकें कर रही है। अब तक, पार्टी ने चुनावों के लिए कुल 211 उम्मीदवारों की घोषणा की है।  कांग्रेस पार्टी की सावधानीपूर्वक योजना और रणनीतिक उम्मीदवार चयन आगामी लोकसभा चुनावों में कड़ी टक्कर देने की उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में अनुभवी नेताओं और मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारने का पार्टी का फैसला साबित हुए ट्रैक रिकॉर्ड और स्थापित मतदाता कनेक्शन पर भरोसा करने के उसके इरादे को दर्शाता है।

जैसे-जैसे चुनावी मौसम गर्म होता जा रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि ये फैसले जमीन पर कैसे लागू होते हैं और क्या वे कांग्रेस पार्टी को महत्वपूर्ण चुनावी लाभ दिलाने में मदद कर सकते हैं।

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