‘कांग्रेस को चंद्रयान में बिठाकर चांद पर भेज देंगे’, जानें असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने क्यों कही ये बात

मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार आएगी तो सबसे पहला काम मीडिया पर सेंसरशिप लगाने का करेगी.

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हिमंत बिस्वा सरमा
Highlights
  • असम CM का विपक्ष पर निशाना
  • बच्चों वाला कट्टी खेल रही कांग्रेस
  • कांग्रेस ने दी है सफ़ाई

16th September 2023, Mumbai: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा जबलपुर पहुंचे. शनिवार (16 सितंबर) को यहां वह मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान इंडिया गठबंधन की ओर से 14 टीवी एंकर्स के शो में अपना प्रतिनिधि न भेजने के फैसले पर उन्होंने कांग्रेस की जमकर खिंचाई की.

हिमंत सरमा ने कहा, “उनका (कांग्रेस) यह जो नशा है, सेंसरशिप लगाना, मीडिया को बॉयकॉट करना, इसका इतिहास तो 1975 से शुरू होता है. यह कोई नया नहीं है. यह (एंकरों का बायकॉट) उनका रिहर्सल है. भारत में कांग्रेस की सरकार आई तो मीडिया पर सेंसरशिप लगा देगी.”

साथ ही उन्होंने कांग्रेस को चांद पर भेजने का तंज करते हुए कहा, ‘गनीमन है कि इसरो ने ठीक समय पर चंद्रयान बना दिया है. हम उसमें बैठाकर पूरी कांग्रेस को चांद पर भेज देंगे. वहीं जाकर सरकार बनाओ, वहीं जाकर बैन-वैन लगाओ. कोई प्रॉब्लम नहीं.’

बच्चों वाला कट्टी खेल रही कांग्रेस

एंकर्स के बायकॉट के कदम की तुलना बच्चा क्लास के बर्ताव से करते हुए हिमंत ने कहा, “बचपन में क्लास में जब अनबन होती थी तो हम लोग कट्टी कर लेते थे. ठीक वैसे ही कांग्रेस का माहौल हो गया है. कट्टी कर रही है. किसी का चेहरा अच्छा नहीं है, कट्टी कट्टी. एक राजनीतिक पार्टी है लेकिन ऐसी बचपन कर रही है.”

आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन की मीडिया सेल की हुई वर्चुअल बैठक में देश के 14 मशहूर एंकर्स के कार्यक्रम में स्पोक्स पर्सन नहीं भेजने का फैसला हुआ है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के जरिए इसकी जानकारी दी थी. उसके बाद पूरे देश में इस पर घमासान मचा हुआ है.

कांग्रेस ने दी है सफ़ाई 

हालांकि पवन खेड़ा ने शनिवार को इस पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन ने किसी के बहिष्कार का फैसला नहीं लिया है. बात बस इतनी है कि जिन एंकरों के कार्यक्रम में प्रतिनिधि नहीं भेजने की बात हो रही है वे अपने कार्यक्रम के जरिए नफरत फैलाते हैं. उसका हिस्सा नहीं बनने का अधिकार हमें है और इसलिए उसमें हम अपने प्रतिनिधि को नहीं भेजेंगे.

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