एक्सक्लूसिव! प्रतीक सहजपाल ने आउटसाइडर होने के कारण प्रभावित होने की बात स्वीकार की

जब प्रतीक से उनके आउटसाइडर होने पर और इसपर वो कैसा महसूस करते हैं पर सवाल किया गया, तो प्रतीक ने स्वीकार किया की वें एक आउटसाइडर हैं।

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Highlights
  • 1. प्रतीक ने स्वीकार किया की वें एक आउटसाइडर हैं
  • 2. प्रतीक ने कहा यात्रा की मुश्किलें हर दूसरे व्यक्ति के अलग होती हैं।
  • 3. प्रतीक ने कहा अगर आपको कहीं भी रहना हैं तो आपको शेल्टर चाहिए।

15th July 2023, Mumbai: मनोरंजन इंडस्ट्री के उभरते सितारों में से एक प्रतीक सहजपाल हैं। प्रतीक सहजपाल ने 2018 में रियलिटी शो MTV लव स्कूल सीजन 3 से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में वह ऐस ऑफ स्पेस नामक एक अन्य रियलिटी शो के पहले सीज़न में फर्स्ट रनर-अप बनकर प्रसिद्धि हासिल की।

2021 में, भारतीय रियलिटी डिजिटल सीरीज बिग बॉस OTT में भाग लेने के बाद उन्हें काफी प्रशंसक प्राप्त हुए और बाद में उन्होंने कलर्स टीवी के रियलिटी शो बिग बॉस 15 में भाग लिया और फर्स्ट रनर-अप के रूप में उभरे।

हाल ही में हुए उनके द फिल्मी चर्चा के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान जब प्रतीक से उनके आउटसाइडर होने पर और इसपर वो कैसा महसूस करते हैं पर सवाल किया गया, तो प्रतीक ने तो प्रतीक ने स्वीकार किया की वें एक आउटसाइडर हैं।

उनके अनुसार, आउटसाइडर वे हैं जो मुंबई से नहीं आते हैं, जिनका पालन-पोषण शहर में नहीं हुआ है, लेकिन, इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाने की इच्छा के साथ अलग-अलग स्थानों से आए हैं।

प्रतीक साफ़ तौर से कहते हैं, “तो, मैं इस सच्चाई को स्वीकार करता हूं कि मैं एक आउटसाइडर हूं क्योंकि मैं बॉम्बे से नहीं हूं। मैं किसी दूसरे शहर से आया हूं और अब मैंने यहां कुछ हासिल किया है।”

प्रतीक ने इस धारणा को खारिज कर दिया है की, एक आउटसाइडर के रूप में मनोरंजन की यात्रा शुरू करना अक्सर एक कठिन परियोजना के रूप में माना जाता है और इस बात पर जोर दिया है कि यात्रा की मुश्किलें हर दूसरे व्यक्ति के अलग होती हैं।

उन्होंने कहा, “मैं आपको बताऊंगा कि क्या, यह मुश्किल है या  क्या नहीं, तो यह पूरी तरह से खुद पर, उसके साहस पर आधारित है।”

जबकि बॉम्बे के लोगों को यहाँ रहने का पुर लाभ हैं, जिनमें केंद्रों में प्रवेश का अधिकार और उनके परिवारों की सहायता शामिल है, एक आउटसाइडर को अतिरिक्त बाधाओं का सामना करना पड़ता है। एक कमरा किराए पर लेना, अपने माता-पिता से दूर रहना और एक स्थिर आश्रय ढूंढना महत्वपूर्ण हो जाता है, बाहर से शहर में आने वालों के लिए ये बहुत मुश्किल काम होते हैं।

प्रतीक ने कहा अगर आपको कहीं भी रहना हैं तो आपको शेल्टर चाहिए घर चाहिए,और वो यहाँ आसानी से नहीं मिलती, मुंबई में रेंट बहुत ज्यादा हैं, जिसकी वजह से आउटसाइडर्स को तकलीफें उठानी पड़ती है, जबकि स्थानीय लोग अपने परिवारों और अपने घरों की परिचितता पर निर्भर रह सकते हैं, आउटसाइडर्स को अपने लिए कम रेंट वाले स्थान ढूंढ़ने पड़ते है, उसके लिए एक बजट त्यार करना पड़ता है तब जाकर वो इस चीक्स पर फोकस कर पते है की उन्हें एक्टर बनना है तो ये चीज़ आउटसाइडर्स के लिए अलग हो जाती है।

By- Vidushi Kacker

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